मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को छल कर बना दिया डिफाल्टर
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज फिर एक बार कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर हमलावर हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वालों आप तो हाथ मत जोड़ो, माफी मांगो। कांग्रेस वालों माफी मांगों उन बेटियों से जिनको कन्या विवाह योजना का लाभ नहीं मिला। किसानों कें ंसाथ कर्ज माफी को लेकर भी आपने छल किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात आज बड़वानी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ’हाथ जोड़ो’ अभियान चलाने करने वाली है। कांग्रेस वालों आप तो हाथ मत जोड़ो, माफी मांगो। कांग्रेस वालों माफी मांगों उन बेटियों से जिनको कन्या विवाह योजना का लाभ नहीं मिला, माफी मांगों उन युवाओं से जिनको बेरोजगारी भत्ता देने का झूठा वादा किया, माफी मांगों उन किसानों से जिनके साथ कर्जमाफी के नाम पर छल कर डिफाल्टर बना दिया। जब डेढ़ साल कांग्रेसियों की सरकार रही तो हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे और अब हाथ जोड़ रहे हैं। कमलनाथ जी माफी मांगिए उन गरीबों से जिनकी संबल योजना आपने बंद कर दी। माफी मांगिए उन किसानों से जिन्हें कर्ज माफी के नाम पर डिफॉल्टर बना दिया। कमलनाथ जी माफी मांगो मेरे उन भांजे-भांजियों से, जिनके लैपटॉप कांग्रेस ने छीन लिए। माफी मांगो उन बुजुर्गों से जिनकी तीर्थ यात्रा कांग्रेस ने बंद कर दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पूरी दुनिया इंदौर आई थी और मध्यप्रदेश में 15 लाख 42 हजार करोड़ के निवेश का उद्योगपतियों ने वचन दिया है। इससे 29 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए तक गरीबों के इलाज की व्यवस्था सरकारी और निजी अस्पतालों में भी की है। गरीबों के इलाज, मकान और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस ने अंग्रेजी में मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई का रचा था षड्यंत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अंग्रेजी में करने का षड्यंत्र रचा था, ताकि गरीब के बच्चे न पढ़ सकें। हमने हिन्दी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की व्यवस्था प्रारंभ कर दी है, ताकि गरीबों के बच्चे भी डॉक्टर व इंजीनियर बनने का अपना सपना साकार कर सकें। हमने सीएम जनसेवा अभियान चलाया और जो पात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ लेने से वंचित थे, घर-घर जाकर उनके नाम जोड़े। बड़वानी शहर में ही हजारों नाम जोड़े गए।