जयपुर प्रवास पर मुख्यमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से की चर्चा
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोगों को पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों के पानी का भरपूर लाभ मिलेगा। इन नदियों के जल के बंटवारे से दोनों राज्यों के लाखों किसानों का जीवन बदलेगा। विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। पर्यटन से लेकर औद्योगिक विस्तार मे तेजी आएगी। यह निर्णय विकास के अनेक द्वार खोलेगा। नदियों की जल राशि के उपयोग से जुड़े वर्षों पुराने मुददों का समाधान होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज जयपुर प्रवास के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ इस मुददे पर आयोजित बैठक में चर्चा की। राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा ने जयपुर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा से दोनों राज्यों के हित में तीन नदियों के जल बंटवारे से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की। केन्द्र सरकार से विमर्श कर निर्णय लिया जायेगा। जयपुर में अनेक जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का पुष्प गुच्छों से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि दोनों राज्यों की नवगठित सरकारें विकास के कामों में लगातार आगे बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 21वीं सदी में आजादी का अमृत महोत्सव काल चल रहा है। उन्होंने कहा कि अटल जी के समय वर्ष 2003 में योजना बनी और नदी जोड़ो अभियान चला. पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों का पानी का लाभ दोनों राज्यों को मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण विषय को हाथ में लिया है। दोनों राज्यों की बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा। निश्चित ही यह सुखद संयोग है।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल बंटवारे को लेकर मामला चल रहा है। अशोक गहलोत की सरकार में जल बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे में यह तो साफ है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जब मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की और 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी ईआरसीपी परियोजना को लेकर धरातल पर काम शुरू करने का प्रयास किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोगों को पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों के पानी का भरपूर लाभ मिलेगा। इन नदियों के जल के बंटवारे से दोनों राज्यों के लाखों किसानों का जीवन बदलेगा। विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। पर्यटन से लेकर औद्योगिक विस्तार मे तेजी आएगी। यह निर्णय विकास के अनेक द्वार खोलेगा। नदियों की जल राशि के उपयोग से जुड़े वर्षों पुराने मुददों का समाधान होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज जयपुर प्रवास के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ इस मुददे पर आयोजित बैठक में चर्चा की। राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा ने जयपुर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा से दोनों राज्यों के हित में तीन नदियों के जल बंटवारे से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की। केन्द्र सरकार से विमर्श कर निर्णय लिया जायेगा। जयपुर में अनेक जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का पुष्प गुच्छों से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि दोनों राज्यों की नवगठित सरकारें विकास के कामों में लगातार आगे बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 21वीं सदी में आजादी का अमृत महोत्सव काल चल रहा है। उन्होंने कहा कि अटल जी के समय वर्ष 2003 में योजना बनी और नदी जोड़ो अभियान चला. पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों का पानी का लाभ दोनों राज्यों को मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण विषय को हाथ में लिया है। दोनों राज्यों की बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा। निश्चित ही यह सुखद संयोग है।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल बंटवारे को लेकर मामला चल रहा है। अशोक गहलोत की सरकार में जल बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे में यह तो साफ है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जब मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की और 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी ईआरसीपी परियोजना को लेकर धरातल पर काम शुरू करने का प्रयास किया।