– राजनीति में ‘कभी नाव पानी में होती है तो कभी पानी नाव में।’ अब तक कांग्रेस का हर असंतुष्ट नेता भाजपा में जाने की तैयारी में रहता था, अब आबोहवा उलटी बहती दिख रही है। छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय कांग्रेस में क्या गए, हर तरफ भाजपा को छोड़ कांग्रेस में जाने वाले नेताओं की चर्चा ने जोर पकड़ लिया। कांग्रेस भी भाजपा को उसी की शैली में जवाब देने की फिराक में है। फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ेका दामन थाम लिया है, लेकिन कांग्रेस की तरकश में एक अकेला दीपक नहीं हैं, अन्य कई तीर भी हैें। भाजपा को उसके कई अन्य नेता तेवर दिखा रहे हैं। ये सभी बड़े नेता हैं। जैसे, प्रसिद्ध कवि इंदौर के सत्यनारायण सत्तन अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुखर हैं। अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक भवर सिंह शेखावत ने बागी तेवर अख्तियार कर रखे हैं। उधर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने भी खुलकर नाराजगी जाहिर कर दी है। वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा लगातार नसीहत दे रहे हैं। इसीलिए कांग्रेस भाजपा को उसी की तर्ज पर मात देने की तैयारी में है। भाजपा ने कांग्रेस के विधायक तोड़कर सरकार बनाई थी, अब कांग्रेस भाजपा के नेता तोड़कर उसे पवेलियन लौटना चाहती है।