कमलनाथ ने ली विधायक पद की शपथ, कहा दिल्ली क्यों जाऊंगा

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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को विधायक पद की शपथ ली। उनके साथ परासिया से विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने भी शपथ ग्रहण की। शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश में ही रहूंगा, दिल्ली क्यों जाऊंगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा पहुंचे और विधायक पद की शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कमलनाथ और सोहनलाल बाल्मीक को विधायक पद की शपथ दिलाई। तोमर ने 18 और 19 दिसंबर को विधानसभा के 227 विधायकों ने शपथ दिलाई थी। विदेश दौरे पर होने के कारण कमलनाथ और व्यक्तिगत कारणों के चलते विधायक सोहनलाल की शपथ बाकी थी।
विधायक पद की शपथ लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और छिंदवाड़ा विधायक कमलनाथ ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश में ही रहूंगा, दिल्ली क्यों जाऊंगा। कमलनाथ ने कहा कि आज मैंने शपथ ली है। प्रदेश की सेवा करने का एक और मौका मिला है। मेरे लिए काफी खुशी की बात है। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहे। कांग्रेस हाईकमान की नाराजगी और इस्तीफे के सवाल पर कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि ये उन्हीं से पूछिए। कमलनाथ ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन पर बात चल रही है। जरूर कोई निचोड़ निकलेगा। कमलनाथ ने कहा कि वे इंडिया गठबंधन की चर्चा में शामिल नहीं हैं।
कमलनाथ को हटाया नहीं, इस्तीफा दिया था
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अध्यक्ष पद से हटाने या फिर इस्तीफा देने को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर आज कांग्रेस ने विराम दे दिया। कांग्रेस ने साफतौर पर बताया कि क्या वजह थी कि कमलनाथ के स्थान पर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने आज राजधानी में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस उनका बहुत सम्मान करती है. हम सब उनका बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ प्रदेश ही नहीं, देश के बहुत बड़े नेता हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने बताया कि कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चुनाव परिणाम आने के अगले ही दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन शीर्ष  नेतृत्व ने नए अध्यक्ष के चुनाव होने तक उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा था, इसके साथ ही उन्होंने सभी तरह की अटकलों को खारिज कर दिया. सिंह ने कहा कि मीडिया में जो भी खबरें इस संबंध में चल रही है, वह उनका व्यक्तिगत विचार से ज्यादा कुछ नहीं है।

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