प्रदेश में बनेगा वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड, रहेगा ऐच्छिक अवकाश भी

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मुख्यमंत्री ने कहा जाट महापुरुषों का इतिहास भी शामिल होगा स्कूली पाठ्यक्रम में
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस तेजा दशमी पर ऐच्छिक अवकाश भी रहेगा। साथ ही शैक्षणिक भवन के लिए भोपाल, इन्दौर और ग्वालियर में आवश्यक पहल की जाएगी। स्कूली पाठ्यक्रम में जाट महापुरूषों के इतिहास को भी शामिल किया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त कर सके।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजधानी में आयोजित जाट महाकुंभ को संबोधित करते हुए यह घोशणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर तेजस्वी तेजाजी महाराज ने गो-हत्या रोकने और गो-वंश-संरक्षण के लिए अथक प्रयास किए। ऐसा माना जाता है कि जाटों की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है। मुगलों के प्रतिरोध के लिए जाट एक बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में सामने आए थे। भरतपुर के शासक राजाराम जाट ने औरंगजेब के खिलाफ संगठित विद्रोह का कार्य किया था। उसी तरह महाराजा सूरजमल और उनके पुत्र जवाहर सिंह के शौर्य की कथाएं सुनने को मिलती हैं। उन्होंने समाज द्वारा दिए गए अन्य सुझावों पर भी परीक्षण के बाद आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
टिकट देना मेरे बस की बात नहीं
महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने जाट समाज ने समाज के लोगों को 10 टिकट देने की मांग की। समाज की इस मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट पर मेरा बस नहीं है। टिकट का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करता है। आपकी मांग को केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाऊंगा। आपके अभी दो विधायक है, दो ही कई पर भारी है। गौरतलब है कि वर्तमान में कृषि मंत्री कमल पटेल और नीना वर्मा भाजपा की विधायक हैं, जो जाट समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।
घोषणा मशीन नहीं कमलनाथ
जाट समाज के महाकुंभ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी पहुंचे थे। उन्हें भी समाज के प्रतिनिधियों ने मांग पत्र पढ़कर सुनाया। इस पर कमलनाथ ने कहा कि ये वीरों की महासभा है। एक बात कह देता हूँ, मुझे कल शाम को आमंत्रित किया गया, मैंने फ़ौरन स्वीकार किया। एक कार्यक्रम छोड़कर मैं आया हूँ। ऐसे समाज के बीच जिसमें जागरूकता है। मेरी इच्छा थी कि कुछ मिनटों के लिए आ जाऊँ। हमें समाज के साथ देश की भी सोचना है। यही हमें एक झंडे के नीचे रखती है। हमें संस्कृति, संविधान और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करनी है। कमल नाथ घोषणा मशीन नहीं। मैं क्रियान्वयन में विश्वास रखता हूं। आपके अगला सम्मेलन में हर चीज का हिसाब दूंगा, मैं जो हूं सो हूं। आपके समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। आज का युवा व्यवसाय चाहते है, ठेका नहीं चाहता।

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