खजुराहो सीट पर सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सामने चुनौती खड़ी करने की रणनीति
भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस प्रदेश की एक सीट पर गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर रही है। कांग्रेस इस बार प्रदेश में 28 लोकसभा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। खजुराहो सीट पर कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरेगी। इस सीट पर वर्तमान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी ष्शर्मा सांसद हैं।
विधानसभा चुनाव में गठबंधन ना होने को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच पैदा हुई दरार इस बार लोकसभा चुनाव में खत्म होती नजर आ रही है। सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में खजुराहो सीट गठबंधन के सपा को देने का आश्वासन दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस का केन्द्रीय नेतृत्व ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। सपा प्रमुख पहले से ही कांग्रेस से खजुराहो और टीकमगढ़ में से किसी एक सीट गठबंधन के तहत सपा को देने की मांग कर चुके थे। इसके बाद अब यह बात साफ हो गई है कि कांग्रेस ने सपा की मांग को मान लिया है। कांग्रेस इस सीट पर अपना उम्मीदवार ना उतारकर सपा को समर्थन देने का मन बना चुकी है। टीकमगढ़ और खजुराहो दोनों लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ी हुई है। इस वजह से सपा का फोकस इन्हीं सीटों पर था।
गौरतलब है कि खजुराहो सीट पर वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद है। शर्मा के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारने के चलते कांग्रेस और सपा ने इस सीट पर गठबंधन के तहत सपा का प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला किया है।
आखिरी बार 1999 में मिली थी कांग्रेस को जीत
खजुराहो संसदीय सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार 1999 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने जीत हासिल की थी।  इसके बाद 2004 में इस सीट पर डा रामकृष्ण कुसमारिया ने जीत हासिल की। इस जीत के बाद से कांग्रेस अब तक खजुराहो संसदीय सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है। वर्तमान में इस सीट से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर चार लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।
पिछले तीन चुनाव में सपा का ऐसा रहा है प्रदर्शन
लोकसभा के पिछले तीन चुनावों में खजुराहो सीट पर सपा प्रत्याशी को तीन से पांच फीसदी तक वोट हासिल होते रहे हैं। जिसके चलते कांग्रेस का समीकरण यहां पर बिगड़ता नजर आया है। 2009 में इस सीट पर सपा प्रत्याशी जयवंत सिंह को 3.44 फीसदी वोट हासिल हुए थे। वहीं 2014 में सिद्धार्थ कुशवाह को 4.58 फीसदी वोट मिले थे। वहीं 2019 में सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल को 3.19 फीसदी वोट हासिल हुए थे। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था।

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