कांग्रेस भी बागी नेताओं को साधने की तैयारी में

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बागियों का सहारा ले सकती है सरकार बनाने में
भोपाल। कांग्रेस ने अब अपने बगावत कर मैदान में उतरे नेताओं पर नजर रखनी ष्शुरू कर दी है। अगर सरकार बनाने के जादुई आकड़े से वह कुछ सीट पीछे रहती है तो इन बागियों का सहारा कांग्रेस ले सकती है। इसके लिए कांग्रेस ने नेताओं को इन बागियों को साधने के लिए सक्रिय कर दिया है।
प्रदेश में 17 नवंबर को हुए मतदान की मतगणना 3 दिसंबर को होनी है। कांग्रेस का दावा है कि वह स्पष्ट बहुमत के सहारे सरकार बना रही है। वहीं भाजपा भी यह दावा कर रही है। अब दोनों ही दलों को मतगणना का इंतजार है। ऐसे में कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत दूसरा काम करना भी ष्शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने अपने नाराज होकर चुनाव मैदान में उतरे नेताओं को साधने की कवायद करनी शुरू कर दी है। इसके लिए वरिश्ठ नेताओं को सक्रिय किया गया है। कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नेताओं में महू से अंतर सिंह दरबार, गोटेगांव से शेखर चौधरी, आलोट से प्रेमचंद गुड्डु, सिवनी-मालवा से ओम रघुवंशी, धार से कुलदीप बुंदेला, बड़नगर से राजेंद्र सोलंकी, श्यामलाल जोकचंद शामिल हैं। मल्हारगढ़, जतारा से आरआर बंसल और नागौद से यादवेंद्र सिंह वे कांग्रेस नेता है जो दूसरे दलों में जाकर चुनाव लड़े हैं। कांग्रेस संगठन के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता बागी नेताओं से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। मतगणना के दिन नेता इन उम्मीदवारों पर फैसला लेने वाले हैं।
सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी उन्हें अपने पाले में लाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे भविष्य में विपरीत खेमे में शामिल न हों और कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में उन्हें परेशानी न हो। अतीत से सीख लेते हुए कांग्रेस पार्टी सभी एहतियाती कदम उठा रही है और पार्टी नेता नहीं चाहते हैं कि उसे दोबारा सत्ता में आने से कोई रोक सके।

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