भोपाल। प्रदेश की राजनीति में मची उथल-पुथल कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं पर चुनाव ना लडने का दबाव बनाया जा रहा है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। हमारे संविधान ने निर्वाचन प्रणाली में जनता को सर्वोपरी स्थान दिया है, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल के प्रत्याशी को ही यदि चुनाव मैदान से हटा दिया जायेगा, तो निर्वाचन प्रक्रिया में जनता का ही महत्व समाप्त हो जायेगा। सभी को चुनाव लड़ने और सभी को मतदान करने का अधिकार हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ अधिकार है, इसकी हमेशा रक्षा होनी चाहिए। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए।
10 वीं के परीक्षा परिणाम का विश्लेशण चिंताजनक
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 10वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम का जो विश्लेषण अब सामने आ रहा है, वह और भी ज़्यादा चिंताजनक है। अगर 30 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो सभी विषय में फ़ेल हो गए तो हमें सोचना पड़ेगा कि मध्य प्रदेश में शिक्षा का स्तर क्या है और इसकी गुणवत्ता किस तरह कमज़ोर होती जा रही है? उन्होंने कहा कि मैं हमेशा कहता हूँ कि हमें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करनी है। अगर भविष्य ख़राब हो जाएगा तो आने वाली पीढ़ी का क्या होगा? लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ाने, अध्यापकों की समुचित संख्या तैनात करने, अतिथि शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन देने की कोई पहल मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। प्रदेश के राजनैतिक नेतृत्व को इवेंटबाज़ी और विज्ञापनों से फ़ुरसत नहीं है। बेहतर होगा सरकार झूठ के बल पर अपना चेहरा चमकाने के बजाय शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक निवेश और सुधार कर बच्चों का भविष्य चमकाए।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। हमारे संविधान ने निर्वाचन प्रणाली में जनता को सर्वोपरी स्थान दिया है, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल के प्रत्याशी को ही यदि चुनाव मैदान से हटा दिया जायेगा, तो निर्वाचन प्रक्रिया में जनता का ही महत्व समाप्त हो जायेगा। सभी को चुनाव लड़ने और सभी को मतदान करने का अधिकार हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ अधिकार है, इसकी हमेशा रक्षा होनी चाहिए। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए।
10 वीं के परीक्षा परिणाम का विश्लेशण चिंताजनक
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 10वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम का जो विश्लेषण अब सामने आ रहा है, वह और भी ज़्यादा चिंताजनक है। अगर 30 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो सभी विषय में फ़ेल हो गए तो हमें सोचना पड़ेगा कि मध्य प्रदेश में शिक्षा का स्तर क्या है और इसकी गुणवत्ता किस तरह कमज़ोर होती जा रही है? उन्होंने कहा कि मैं हमेशा कहता हूँ कि हमें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करनी है। अगर भविष्य ख़राब हो जाएगा तो आने वाली पीढ़ी का क्या होगा? लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ाने, अध्यापकों की समुचित संख्या तैनात करने, अतिथि शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन देने की कोई पहल मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। प्रदेश के राजनैतिक नेतृत्व को इवेंटबाज़ी और विज्ञापनों से फ़ुरसत नहीं है। बेहतर होगा सरकार झूठ के बल पर अपना चेहरा चमकाने के बजाय शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक निवेश और सुधार कर बच्चों का भविष्य चमकाए।