ब्राह्मण समाज के महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की घोषणा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज रविवार को ब्राह्मण समाज के महाकुंभ में घोषणा की कि भगवान परशुराम जयंती के दिन मध्यप्रदेश में सरकारी छुट्टी रहेगी। जिन मंदिरों के पास जमीन नहीं हैं उनके पुजारियों को हर महीने 5 हजार रुपए का वेतन दिया जाएगा।
ब्राह्मण महाकुंभ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया आज ब्राह्मण समाज के कारण एक है। हमारी संस्कृति और परंपरा को बचा कर रखने का काम ब्राह्मण समाज ने किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम की जयंती पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएगी। उन्होंने भगवान परशुराम जयंती के दिन मध्यप्रदेश में सरकारी छुट्टी रखने की घोशणा भी की। उन्होंने कहा कि मंदिरों की जमीन को अब कलेक्टर नीलाम नहीं कर सकेंगे। पुजारी करेंगे। ब्राह्मण बोर्ड बनाने को लेकर कहा कि बैठक कर उसका प्रारूप बनाकर फैसला किया जाएगा। ब्राह्मण समाज के बच्चों के लिए छात्रावास के लिए जमीन उपलब्धता के आधार पर सरकार देगी। गरीब ब्राह्मण परिवार के मेधावी छात्रों की मेडिकल और इंजीनियर जो भी पढ़ाई हो सरकार कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालय के पहली से पांचवी तक के विद्यार्थियों को आठ हजार रुपए और छठवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए दिये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मंदिरों के सर्वे कराने की मांग को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन मंदिरों के पास खेती नहीं है उनके पुजारियों को हर महीने 5 हजार रुपए का वेतन दिया जाएगा।
लव तो चलेगा, जिहाद नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद किसी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा। इस तरह की हरकत करने वाले पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिए जाएंगे। यह मैं आपको वचन देता हूं। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकत मध्य प्रदेश की धरती पर नहीं होने देंगे।
किरार-धाकड़ समाज के बच्चे हर क्षेत्र में लहरा रहे परचम
अखिल भारतीय किरार, धाकड़, नागर, मालव समाज के सम्मेलन में युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन का आयोजन भी हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किरार-धाकड़ के बच्चे हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे है। मुझे भरोसा नहीं होता इतनी प्रतिभा हमारे समाज में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे समाज का हल और बंदूक से रिश्ता है। हम लोग अन्न के भंडार भरते है और जरूरत पड़ती है तो भारत माता की रक्षा के लिए भी सदैव तैयार रहते है। कार्यक्रम में किरार समाज के संरक्षक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री शिवराज की पत्नी साधना सिंह को चांदी का मुकुट पहनाया और गदा भेंट की।
असंभव शब्द नहीं है शिवराज के शब्दकोश में
मुख्यमंत्री को अपने अध्ययन काल के दौरान किए पहले आंदोलन की याद भी कार्यक्रम के दौरान आई। उन्होंने कहा कि मैंने 7वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान पहला आंदोलन किया। यह आंदोलन मजदूरों के लिए था। उस आंदोलन के कारण मेरी जो पिटाई हुई मैं ही जानता हूं, लेकिन मेरे अंदर तड़प थी। हमने ऐसे काम कर दिखाए जो सोच नहीं सकते थे, लेकिन असंभव शब्द शिवराज के शब्दकोष में नहीं है। संस्कारों के लिए भी शिक्षित करना जरूरी है।
कुछ इस तरह परिचय कराया साधना सिंह ने
परिचय सम्मेलन में किरार धाकड़ समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह ने अपने पति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कुछ इस तरह से परिचय कुछ अलग अंदाज में कराया। साधना सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश के गौरव, लोगों के जननायक “मेरे कार्तिकेय-कुणाल के पापा” का मैं सम्मेलन में स्वागत करती हूं। उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र की बेटी हूं, मध्य प्रदेश में विवाह हुआ और राजस्थान ने समाज के अध्यक्ष पद से नवाजा है। साधना सिंह ने कहा कि हम कृषि प्रधान समाज है। भगवान बलराम को मानते है। क्यों ना हम अपने घरों में भगवान बलराम की एक-एक तस्वीर जरूर लगाए।