दुख सहने, गरीब रहने, कठिनाई में जीवन बिताने के लिए पैदा नहीं हुई बहनें
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजधानी के वार्डों में पहुंचकर लाड़ली बहनों के आवेदन फार्म भरवाए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बहनें दुख सहने, गरीब रहने, कठिनाई में जीवन बिताने के लिए पैदा नहीं हुई हैं। लाड़ली बहनों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने बेटा-बेटी को समान बनाया किन्तु इतिहास के क्रम में बेटों को अधिक महत्व मिलने लगा और बेटियां नजरअंदाज होने लगीं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज ईदगाह हिल्स, टीला जमालपुरा, बरखेड़ी, पंचशील नगर और सुनहरी बाग इलाके के वार्डो में पहुंचे और लाड़ली बहनों के आवेदन फार्म भरवाए। इस दौरान बहनों से संवाद में उन्होंने कहा कि हमें गरीब नहीं रहना है। बहनें दुख सहने, गरीब रहने, कठिनाई में जीवन बिताने के लिए पैदा नहीं हुई हैं। हम मिलकर जमाना बदलेंगे। बहन, बेटियाँ सम्मान और आत्मविश्वास के साथ जीवन जिएं, राज्य शासन महिलाओं के सशक्तिकरण और सभी क्षेत्रों में उन्हें बराबरी के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से बालिका के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा, विवाह और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। महिलाओं का चूल्हे-चोके और घर तक सीमित रहने का समय अब बीत चुका है। महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, राजनैतिक जीवन हो, शासकीय सेवा हो या स्वयं का काम आरंभ करने की बात हो, हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे आना चाहिए। राज्य शासन ने पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनावों में आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की हैं। पुलिस सहित सभी शासकीय सेवाओं में पर्याप्त आरक्षण की व्यवस्था है।
10 जून को जगमग होगा मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में अब तक एक करोड़ 20 लाख बहनों ने पंजीयन कराया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पट्टा भी बहनों के नाम दिए जाएंगे। पट्टा में पहला नाम पत्नी का होगा। पहले पत्नी का नाम फिर पति का नाम लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 जून की रात मध्यप्रदेश जगमग होगा। दीयों की रोशनी से जगमग होगा। करीब एक करोड़ 20 लाख घरों में दीये जलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 जून को दिन में सभी के खातों में 1 हजार रुपए आएंगे। रात में हर घर में दीये जलाए।