म्हिला आरक्षण में ओबीसी को लेकर संशोधन लाने पर होगा विमर्श
भोपाल। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास किए जाने के बाद से प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की ओबीसी वर्ग को लेकर ज्यादा सक्रिता नजर आई है। उन्होंने संसद में पूर्ण सम्मति से पास हुए बिल का स्वागत भी किया है। अब वे बिल को लेकर पिछड़े वर्ग को स्थान देने और बिल में संशोधन का मार्ग निकलाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए उन्होंने 23 सितंबर को राजधानी स्थित अपने निवास पर ओबीसी नेताओं की एक बैठक बुलाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने खुद ट्वीट कर कहा कि राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पूर्ण बहुमत से पारित हो गया। अब यदि पिछड़े वर्गों को स्थान देने के लिए एक और संशोधन का मार्ग निकालना है, इसलिए भोपाल शहर के एवं उसके आसपास के पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श हुआ। 23 सितंबर को एक और बड़ी बैठक बुलाने का फैसला हुआ। उमा भारती ने साफ कर दिया है कि पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ वे बिल को लेकर विचार-विमर्श करेंगी। अब वे क्या विमर्श करेंगी, इसे स्पश्ट नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार ने इसको जिस भी रूप में पारित किया वह आज स्वीकार है, किंतु पार्टी की मर्यादा में रह कर लोकतांत्रिक तरीक़े से जब तक यह विधेयक लागू नहीं होता, तब तक ओबीसी आरक्षण के संशोधन के लिए दृढ़निश्चयी बने रहेंगे। यह आरक्षण संविधान में विशेष संशोधन हैं तो देश की 60 प्रतिशत आबादी ओबीसी के लिए एक संशोधन और किया जा सकता है। हम सभी अपनी तपस्या एवं मोदी जी पर अपना विश्वास बनाये रखे।
गौरतलब है कि इसके पूर्व उमा भारती बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भी लिख चुकी है। पत्र के जरिए उन्होंने अब केंद्र के महिला आरक्षण बिल में अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। उमा के इस कदम को उनके प्रदेश में महिला ओबीसी राजनीति की अगुआ बनने के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि वर्तमान में भाजपा में उमा भारती एक तरह से हासिए पर चल रही हैं, यही वजह है कि समय-समय पर उनकी नाराजगी भी भाजपा में देखने को मिल रही है।
भोपाल। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास किए जाने के बाद से प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की ओबीसी वर्ग को लेकर ज्यादा सक्रिता नजर आई है। उन्होंने संसद में पूर्ण सम्मति से पास हुए बिल का स्वागत भी किया है। अब वे बिल को लेकर पिछड़े वर्ग को स्थान देने और बिल में संशोधन का मार्ग निकलाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए उन्होंने 23 सितंबर को राजधानी स्थित अपने निवास पर ओबीसी नेताओं की एक बैठक बुलाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने खुद ट्वीट कर कहा कि राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पूर्ण बहुमत से पारित हो गया। अब यदि पिछड़े वर्गों को स्थान देने के लिए एक और संशोधन का मार्ग निकालना है, इसलिए भोपाल शहर के एवं उसके आसपास के पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श हुआ। 23 सितंबर को एक और बड़ी बैठक बुलाने का फैसला हुआ। उमा भारती ने साफ कर दिया है कि पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ वे बिल को लेकर विचार-विमर्श करेंगी। अब वे क्या विमर्श करेंगी, इसे स्पश्ट नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार ने इसको जिस भी रूप में पारित किया वह आज स्वीकार है, किंतु पार्टी की मर्यादा में रह कर लोकतांत्रिक तरीक़े से जब तक यह विधेयक लागू नहीं होता, तब तक ओबीसी आरक्षण के संशोधन के लिए दृढ़निश्चयी बने रहेंगे। यह आरक्षण संविधान में विशेष संशोधन हैं तो देश की 60 प्रतिशत आबादी ओबीसी के लिए एक संशोधन और किया जा सकता है। हम सभी अपनी तपस्या एवं मोदी जी पर अपना विश्वास बनाये रखे।
गौरतलब है कि इसके पूर्व उमा भारती बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भी लिख चुकी है। पत्र के जरिए उन्होंने अब केंद्र के महिला आरक्षण बिल में अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। उमा के इस कदम को उनके प्रदेश में महिला ओबीसी राजनीति की अगुआ बनने के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि वर्तमान में भाजपा में उमा भारती एक तरह से हासिए पर चल रही हैं, यही वजह है कि समय-समय पर उनकी नाराजगी भी भाजपा में देखने को मिल रही है।