मैं मध्यप्रदेश से ना लोकसभा, ना विधानसभा चुनाव लड़ूंगी

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उमा ने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था  पर उठाए सवाल
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज फिर एक बार स्पश्ट कर दिया ि कवे मध्यप्रदेष से ना तो विधानसभा और ना ही लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। वे पहले ही कह चुकी हैं कि उनकी नजर तीसरे राज्य पर है। उमा भारती ने आज फिर सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर सवाल उठाए।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती आज राजधानी भोपाल में सामाजिक समरसता गौरक्षा संकल्प कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव और किसी राज्य से नहीं लड़ा जा सकता, क्योंकि वो लोकल चुनाव होते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश से मैं दोनों ही चुनाव नहीं लड़ूंगी। ना तो विधानसभा और ना ही लोकसभा का चुनाव। किसी अन्य और राज्य से मुझे मौक़ा दिया जाएगा तो मैं वहां से चुनाव लड़ूंगी। पार्टी जैसा मौक़ा देगी मैं उसी हिसाब से काम करूंगी। इस दौरान उन्होंने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनती तो हैं, मगर उससे विकास कम ठेकेदारों को लाभ ज़्यादा हो रहा है। सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों जैसे व्यवस्था होने चाहिए। पढ़ाने की व्यवस्था निजी स्कूलों जैसी होनी चाहिए। शिक्षकों को उचित वेतन समय पर दिया जाना चाहिए। ज़रूरत के मुताबिक़ तबादले होना चाहिए ताकि वह अच्छे से पढ़ाई करवा सके. अच्छे डाक्टरों की भर्ती होना चाहिए ताकि सरकारी अस्पताल में अच्छी सुविधाएं होनी चाहिए।
ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए बिना लागू नहीं होगा बिल
उमा भारती ने कहा कि एससी, एसटी के लोग चाहेंगे तो आरक्षण खत्म होगा। गरीब सवर्ण को भी 10 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। पिछड़ी जाति की महिलाओं को आरक्षण दिए बिना बिल लागू नहीं हो सकता है। ओ बीसी महिलाओं को संसद में बैठाने की कही बात, ताकि यह सारी बाते वह संसद में रख सकें। रावण लंका और राम का उदाहरण देते हुए उमा भारती ने कहा कि राम सर्वहारा थे इसलिए लंका धूं-धूंकर के जल गई और रावण की मुण्डियां कटती नज़र आई।

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