कहा मैं लड़ूंगा चुनाव, चुनाव केवल पोलिंग बूथ पर लड़ा जाएगा
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारने की उठ रही मांग के तहत अब तय हो गया कि प्रदेश के दिग्गज नेता चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज से राजगढ़ में मोर्चा संभाल लिया। वे आज राजगढ़ पहुंचे और चार विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें यह बताया कि वे चुनाव लड़ रहे हैं। आपको बूथ संभालना है, यह चुनाव मेरा नहीं, बल्कि युवाओं का है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पहले राज्यसभा होने के नाते चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, मगर उसके बाद लगातार यह मांग उठती रही कि प्रदेश के दिग्विजय नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और अरूण यादव सहित अन्य वरिश्ठ नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव लड़ना चाहिए। काफी मंथन के बाद गुरूवार को दिल्ली में हुई बैठक में यह तय हो गया था कि अब प्रदेश के नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाए। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कहा गया ि कवे चुनाव लड़ेंगे। सिंह ने पार्टी नेताओं के आदेश को स्वीकार किया और आज से वे राजगढ़ संसदीय सीट पर सक्रिय हो गए। आज राजधानी में सुबह मीडिया से उन्होंने चर्चा की इसके बाद वे सीधे अपने संसदीय क्षेत्र राजगढ़ पहुंचे हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने इस संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा सीटों राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर, सुसनेर, चार विधानसभा के कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की। बूथ मैनेजमेंट को लेकर कार्यकर्ताओं को तैयार किया और बूथ की जिम्मेदारी संभालने की बात कही। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अभी सूची जारी नहीं हुई पर राजगढ़ से लोकसभा चुनाव मैं ही लडूंगा। यह पार्टी का निर्देश है।
बड़ी सभाएं, रैलियां नहीं करनी है हमें
सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहता था, मैं चाहता था कि क्षेत्र का कोई युवा मैदान में उतरे। ये चुनाव युवाओं का हैं। हमें अब युवाओं को कमान सौंपनी है। मगर पार्टी का निर्देश हुआ है तो मैं राजगढ़ से चुनाव लड़ूंगा। मगर यह चुनाव युवाओं का होगा। बूथ पर युवा को तैनात होना होगा। ये चुनाव हमारा साधारण तरीके से होगा, बूथ पर होगा। मैं आपको पत्र लिखकर सौंपूंगा। इस पत्र में हमारे मुद्दे होंगे, जिन्हें आपको हर घर में पहुंचाना है। हमें जनसभाएं नहीं करनी है, हमें बड़ी सभाएं और रैली नहीं करनी है। हमें सिर्फ हर मतदाता तक पहुंचकर कांग्रेस के द्वारा किए कामों को बताना है और यह बताना है कि वर्तमान में कौन से मुद्दे है, जिससे देश की जनता परेशान है।
33 साल बाद फिर अपने गढ़ में लड़ेगे चुनाव
राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह ने 1991 में आखिरी बार चुनाव लड़ा था और जीते थे। इसके बाद 1993 में वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। ऐसे में करीब 33 साल बाद वह एक बार फिर अपनी पुरानी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, दिग्विजय सिंह ने दो बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। 2019 का चुनाव उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से लड़ाया गया था, मगर वे चुनाव हार गए थे।
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारने की उठ रही मांग के तहत अब तय हो गया कि प्रदेश के दिग्गज नेता चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज से राजगढ़ में मोर्चा संभाल लिया। वे आज राजगढ़ पहुंचे और चार विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें यह बताया कि वे चुनाव लड़ रहे हैं। आपको बूथ संभालना है, यह चुनाव मेरा नहीं, बल्कि युवाओं का है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पहले राज्यसभा होने के नाते चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, मगर उसके बाद लगातार यह मांग उठती रही कि प्रदेश के दिग्विजय नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और अरूण यादव सहित अन्य वरिश्ठ नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव लड़ना चाहिए। काफी मंथन के बाद गुरूवार को दिल्ली में हुई बैठक में यह तय हो गया था कि अब प्रदेश के नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाए। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कहा गया ि कवे चुनाव लड़ेंगे। सिंह ने पार्टी नेताओं के आदेश को स्वीकार किया और आज से वे राजगढ़ संसदीय सीट पर सक्रिय हो गए। आज राजधानी में सुबह मीडिया से उन्होंने चर्चा की इसके बाद वे सीधे अपने संसदीय क्षेत्र राजगढ़ पहुंचे हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने इस संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा सीटों राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर, सुसनेर, चार विधानसभा के कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की। बूथ मैनेजमेंट को लेकर कार्यकर्ताओं को तैयार किया और बूथ की जिम्मेदारी संभालने की बात कही। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अभी सूची जारी नहीं हुई पर राजगढ़ से लोकसभा चुनाव मैं ही लडूंगा। यह पार्टी का निर्देश है।
बड़ी सभाएं, रैलियां नहीं करनी है हमें
सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहता था, मैं चाहता था कि क्षेत्र का कोई युवा मैदान में उतरे। ये चुनाव युवाओं का हैं। हमें अब युवाओं को कमान सौंपनी है। मगर पार्टी का निर्देश हुआ है तो मैं राजगढ़ से चुनाव लड़ूंगा। मगर यह चुनाव युवाओं का होगा। बूथ पर युवा को तैनात होना होगा। ये चुनाव हमारा साधारण तरीके से होगा, बूथ पर होगा। मैं आपको पत्र लिखकर सौंपूंगा। इस पत्र में हमारे मुद्दे होंगे, जिन्हें आपको हर घर में पहुंचाना है। हमें जनसभाएं नहीं करनी है, हमें बड़ी सभाएं और रैली नहीं करनी है। हमें सिर्फ हर मतदाता तक पहुंचकर कांग्रेस के द्वारा किए कामों को बताना है और यह बताना है कि वर्तमान में कौन से मुद्दे है, जिससे देश की जनता परेशान है।
33 साल बाद फिर अपने गढ़ में लड़ेगे चुनाव
राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह ने 1991 में आखिरी बार चुनाव लड़ा था और जीते थे। इसके बाद 1993 में वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। ऐसे में करीब 33 साल बाद वह एक बार फिर अपनी पुरानी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, दिग्विजय सिंह ने दो बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। 2019 का चुनाव उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से लड़ाया गया था, मगर वे चुनाव हार गए थे।