प्रदीप द्विवेदी. इन दिनों यह चर्चा बड़े जोरों पर है कि तीसरा मोर्चा प्रधानमंत्री पद का दावेदार हो सकता है, लेकिन सच्चाई यही है कि देश में केवल दो ही दल ऐसे हैं- कांग्रेस और बीजेपी, जो केंद्र में अपने दम पर सरकार बना सकते हैं, तीसरा कोई भी दल 50 से ज्यादा सीटें जीतने में सक्षम नजर नहीं आ रहा है, लिहाजा त्रिशंकु स्थिति में तो कुछ समय के लिए तीसरा मोर्चा सरकार बना सकता है, लेकिन वह स्थाई सरकार नहीं दे सकता है?
स्थाई सरकार केवल और केवल- कांग्रेस और बीजेपी ही दे सकती हैं, क्योंकि इनके पास अकेले दम पर बहुमत लाने की राजनीतिक ताकत है!
शिवसेना के नेता संजय राउत का यह कहना सही है कि- भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं और देश की सबसे पुरानी पार्टी के बिना कोई भी तीसरा मोर्चा सफल नहीं होगा?
कांग्रेस के बिना तीसरे मोर्चे के विचार को खारिज करते हुए राउत का कहना है कि- देश की सबसे पुरानी पार्टी में बहुत दम है और देशभर के हर कोने और नुक्कड़ पर इसकी मौजूदगी है.
खबरों की माने तो संजय राउत का यह भी कहना है कि- राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा का मकसद घृणा और डर को दूर करना है और उनका उद्देश्य अपनी पार्टी के बैनर तले विरोधी दलों को एकजुट करना नहीं है. जम्मू में प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि- वैचारिक और राजनीतिक मतभेदों से अलग वह अपना नेतृत्व कौशल दिखाएंगे और एक बड़ी चुनौती बनेंगे, वह एक करिश्मा करेंगे.
पिछले शुक्रवार को बरसात के बावजूद हटली मोढ़ से चंदावल के बीच करीब तेरह किलोमीटर तक राहुल गांधी के साथ पैदल चलने वाले संजय राउत का यह भी कहना था कि- कांग्रेस के बारे में बीजेपी गलत धारणा फैला रही है, लेकिन यह यात्रा राहुल गांधी के बारे में उनकी सभी मिथकों को तोड़ देगी.
राहुल गांधी के भारत के प्रधानमंत्री बनने की योग्यता के सवाल पर संजय राउत का कहना था कि- क्यों नहीं?
संजय राउत ने कहा कि- राहुल गांधी ने खुद ही कहा है कि वह प्रधानमंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन…. जब लोग उन्हें शीर्ष पद पर देखना चाहेंगे, तो उनके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा!
देखना दिलचस्प होगा कि एकतरफा मीडिया और विभिन्न भ्रामक सर्वे के दम पर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना किस तरह संभव हो पाएगा?