कांग्रेस जांच दल ने कमलनाथ को सौंपी रिपोर्ट
भोपाल। कांग्रेस ने उज्जैन में महाकाल लोक में तेज हवा से गिरी सप्तऋषियों की मूर्ति को लेकर सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि महाकाल लोक के निर्माण में 80 फीसदी भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेस ने मूर्तियों में चाइनीज सामान के इस्तेमाल किए जाने के आरोप भी लगाए।
उज्जैन में बीते दिनों तेज आंधी और हवा के चलते 6 सप्तऋषियों की मूर्ति गिरकर खंडित हुई थी। इस घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस का एक जांच दल बनाकर जांच के निर्देश दिए थे। जांच दल ने उज्जैन पहुंचकर जांच की इसके बाद आज अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपी है। जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि महाकाल लोक में जो निर्माण कार्य हुआ है, उसमें 80 फीसदी भ्रष्टाचार हुआ है। वर्मा ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को चुनौती भी दी कि वे जहां चाहे, वहां पर हम भ्रष्टाचार के सबूत देने को तैयार हैं। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग भी की है।
वर्मा ने कहा कि जो मूर्तियां लगी हैं, उसके प्रमाण में लेकर आया हूं। मूर्ति कमजोर मटेरियल की बनाई गई। मूर्तियों में जो स्टील लगाना था उसे नहीं लगाया गया। मूर्तियों की रिपेयरिंग बंद कमरे में किया जा रहा है। जबकि खंडित मूर्तियों को लगाना सनातन धर्म में वर्जित है। जो मूर्तियां बची हुई हैं, उनके कलर उतर रहे हैं। मूर्तियां अपनी जगह छोड़कर इधर-उधर हुए दिख रही हैं। उन्होंने मूर्तियों के निर्माण में चाइनीज सामान उपयोग किए जाने का भी आरोप लगाया।
टेंडर में की सौ फीसदी की बढ़ोत्तरी
वर्मा ने कहा कि महाकाल मंदिर विकास के लिए भाजपा ने 97 करोड़ की कार्ययोजना तैयार की थी, लेकिन हमारी सरकार में कमलनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का धर्म स्थान बनाना है, तो ज्यादा राशि चाहिए होगी। तब कमलनाथ ने 300 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने 97 करोड़ का टेंडर निकाला था। उस समय खेल हुआ था। वर्मा ने कहा कि टेंडर में 10 प्रतिशत की राशि को बढ़ाया जा सकता था, लेकिन भूपेंद्र सिंह ने टेंडर की राशि में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी, जबकि प्रावधान केवल 10 प्रतिशत का है।
भाजपा ने स्वीकार तो किया कि महाकाल प्रोजेक्ट कांग्रेस शासनकाल में बना
सज्जन वर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकार ने खुद को महिमा मंडित करने के चक्कर में महाकाल महालोक प्रोजेक्ट को अपना बताया, लेकिन अब जब मूर्तियाँ खंडित हो गई तो कह रहे हैं कि टेंडर कांग्रेस के शासनकाल में निकला था, कम से कम उन्होंने इसे स्वीकार तो किया कि महाकाल प्रोजेक्ट कांग्रेस शासनकाल का है।