दिग्विजय सिंह बुरे फंसे, विहिप ने दर्ज कराया प्रकरण
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट से विवाद खड़ा कर दिया है। दमोह जिले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनके ऊपर साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगा है, उनके खिलाफ ये मुकदमा विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की तरफ से कराया गया था।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा था कि दमोह जिले के प्रसिद्ध जैन तीर्थ कुंडलपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ता जबरन शिवलिंग लेकर मंदिर परिसर में घुसे हैं और उत्पात कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और एमपी के डीजी को ट्वीट में टैग कर कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद दमोह जिला प्रशासन ने एसडीएम हटा और एसडीओपी हटा को फौरन जांच के लिए भेजा जहां अफसरों ने जांच की तो ट्वीट गलत पाया गया।
इस संबंध में जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील तिवारी ने बताया कि कुंडलपुर में इस प्रकार की कोई भी घटना नहीं घटी है ना ही इस प्रकार का किसी के द्वारा कोई प्रयास किया गया था। वहीं इस मामले में कुंडलपुर ट्रस्ट कमेटी एवं बजरंग दल की पदाधिकारी द्वारा भी स्पष्ट रूप से इस प्रकार की किसी भी घटना से इनकार किया था।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अकांउट बंद करने की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह लगातार देश-प्रदेश का वातावरण बिगाड़ने के लिए झूठे विषयों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से प्रसारित करते हैं। यह अपराध की श्रेणी में आता है। वे समाज के वातावरण को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुंडेश्वर में जैन मंदिर हर वर्ग की आस्था का केंद्र है, जिसे लेकर सिंह ने झूठ फैलाया। कुछ समय पहले उन्होंने खरगोन की एक मस्जिद से जुड़ा वीडियो प्रसारित किया, जबकि वह किसी और स्थान का था। उन्होंने कहा कि हमने ट्वीटर को लिखा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से उनका अकाउंट बंद कर दिया जाए।
वैमनस्यता फैलाने वाला बयान
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मैंने दिग्विजय सिंह का दमोह के धार्मिक स्थल के संबंध में एक भ्रामक और अराजकता फैलाने वाला ट्वीट देखा । मुझे हैरानी नहीं हुई दुख हुआ कि बजरंग दल से नफरत के चलते वे ,गुमराह करने की हद को भी पार कर गए। यह वैमनस्यता फैलाने वाला झूठा ब्यान है।
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट से विवाद खड़ा कर दिया है। दमोह जिले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनके ऊपर साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगा है, उनके खिलाफ ये मुकदमा विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की तरफ से कराया गया था।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा था कि दमोह जिले के प्रसिद्ध जैन तीर्थ कुंडलपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ता जबरन शिवलिंग लेकर मंदिर परिसर में घुसे हैं और उत्पात कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और एमपी के डीजी को ट्वीट में टैग कर कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद दमोह जिला प्रशासन ने एसडीएम हटा और एसडीओपी हटा को फौरन जांच के लिए भेजा जहां अफसरों ने जांच की तो ट्वीट गलत पाया गया।
इस संबंध में जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील तिवारी ने बताया कि कुंडलपुर में इस प्रकार की कोई भी घटना नहीं घटी है ना ही इस प्रकार का किसी के द्वारा कोई प्रयास किया गया था। वहीं इस मामले में कुंडलपुर ट्रस्ट कमेटी एवं बजरंग दल की पदाधिकारी द्वारा भी स्पष्ट रूप से इस प्रकार की किसी भी घटना से इनकार किया था।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अकांउट बंद करने की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह लगातार देश-प्रदेश का वातावरण बिगाड़ने के लिए झूठे विषयों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से प्रसारित करते हैं। यह अपराध की श्रेणी में आता है। वे समाज के वातावरण को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुंडेश्वर में जैन मंदिर हर वर्ग की आस्था का केंद्र है, जिसे लेकर सिंह ने झूठ फैलाया। कुछ समय पहले उन्होंने खरगोन की एक मस्जिद से जुड़ा वीडियो प्रसारित किया, जबकि वह किसी और स्थान का था। उन्होंने कहा कि हमने ट्वीटर को लिखा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से उनका अकाउंट बंद कर दिया जाए।
वैमनस्यता फैलाने वाला बयान
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मैंने दिग्विजय सिंह का दमोह के धार्मिक स्थल के संबंध में एक भ्रामक और अराजकता फैलाने वाला ट्वीट देखा । मुझे हैरानी नहीं हुई दुख हुआ कि बजरंग दल से नफरत के चलते वे ,गुमराह करने की हद को भी पार कर गए। यह वैमनस्यता फैलाने वाला झूठा ब्यान है।