कुलपति कहलाएंगे कुलगुरू, किसानों को मिलेगा शून्य फीसदी ब्याज पर ऋण

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भोपाल। सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति को कुलगुरु कहा जाएगा। वहीं वर्ष 2023-24 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखने की स्वीकृति दी हैं। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को फसल ऋण प्रदान किया जाएगा।
ये फैसले आज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी मीडिया को देते हुए राज्य के मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि  मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2024 के माध्यम से मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। विधेयक को आगामी विधानसभा सत्र में पुनःस्थापित और पारित कराने संबंधी कार्यवाही के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया। विधेयक में संशोधन अनुसार विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम को कुलगुरू किये जाने पर अनुमोदन दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरन्तर रखने की स्वीकृति दी हैं। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को फसल ऋण प्रदान किया जायेगा। योजना में खरीफ 2023 सीजन की ड्यूडेट 28 मार्च, 2024 तथा रबी 2023-24 सीजन की ड्यूडेट 15 जून 2024 रखी गयी है। राज्य शासन ने योजना के अन्तर्गत फसल ऋण लेने वाले सभी किसानों को 1.5 प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित ड्यूडेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप (अतिरिक्त ब्याज अनुदान) दिया जाएगा।
15 फीसदी महंगी होगी शराब
मंत्री सिलावट ने बताया कि बैठक में प्रदेश की मदिरा दुकानों के निष्पादन, देशी, विदेशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था, भांग, भांगघोटा की फुटकर बिक्री की दुकानों के निष्पादन एवं अन्य के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आबकारी नीति का अनुमोदन किया गया। मदिरा दुकानों के वर्ष 2023-24 के वार्षिक मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
चाइल्ड हेल्प लाइन के लिए संविदा पर स्टाफ
मंत्रिमंडल ने मिशन वात्सल्य में चाइल्ड हेल्प लाइन के सुचारू और कुशल संचालन के लिए विभागीय आदेश में संशोधन की स्वीकृति दी है। संशोधन के अनुसार जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा एक हेल्पलाईन यूनिट का संचालन किया जाएगा। इस कार्य के लिए मानव संसाधन का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता अनुसार विज्ञापन जारी कर पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाएगा। चाइल्ड हेल्प लाइन के सभी स्टाफ संविदा पर रखे जाएंगे।
लेखानुदान को मिली स्वीकृति
विधानसभा का सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र में सरकार लेखानुदान पेश करेगी। बैठक में लेखानुदान के साथ ही अनुपूरक बजट को भी मंजूरी दी गई। सरकार लेखानुदान और अनुपूरक बजट को विधानसभा में पेश करेगी। जहां चर्चा के बाद वित्तीय खर्चे को स्वीकृति दी जाएगी। सरकार लोकसभा चुनाव के बाद अपना बजट विधानसभा में पेश करेगी।

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