बूथ जीतने वाले नेताओं को सरकार में मिलेगी हिस्सेदारी

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कंग्रेस ने डेढ़ हजार नेताओं को 18 हजार बूथों की सौंपी जिम्मेदारी
भोपाल। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस इस बार पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने कुछ ऐसी ब्यूह रचना रची है कि कांग्रेस नेता मैदान में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस उन 66 सीटों को जीतना है, जहां पर दशकों से जीत हासिल नहीं हुई है। इन सीटों के 18 हजार बूथों पर कांग्रेस ने जीत के लिए करीब डेढ़ हजार नेताओं को जिम्मेदारी देकर कहा कि सरकार बनने पर उन्हें सरकार में हिस्सेदारी यानि पद मिलेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रदेश की उन 66 सीटों की जिम्मेदारी दी थी, जहां पर दशकों से कांग्रेस जीत का खाता नहीं खोल पाई है। कांग्रेस इन सीटों पर तय प्रत्याशियों को पूर्व में इशारा भी कर चुकी है ि कवे मैदानी सक्रियता बढ़ाएं। हालांकि कांग्रेस ने अभी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है। इन सीटों पर दोनों नेताओं ने माइक्रो बूथ मैंनेजमेंट पर काम करना शुरू किया है। इन विधानसभा सीटों के करीब 18 हजार बूथों की जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं को दी गई है। इनकी संख्या करीब डेढ़ हजार बताई जा रही है। कांग्रेस ने नेताओं को जिम्मेदारी देकर यह भरोसा दिलाया है कि उनके बूथों पर जीत हासिल होती है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो उन्हें पद दिया जाएगा। दोनों नेताओं ने साफ संदेश दिया है कि नेताओं की सरकार में भागीदारी होगी। बताया जाता है कि जिन नेताओं को बूथों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनके हिस्से में दस से पंद्रह बूथ आए हैं। अब ये नेता अपने बूथों को मजबूत करने के लिए अपनी टीम के साथ जुटें हैं। बूथों की कमान संभाल रहे नेताओं द्वारा पचास फीसदी कमीशन लेने वाले नारे के साथ सरकार पर सोशल मीडिया के जरिए हमला भी करेंगे और अपने बूथों के मतदाताओं तक इस बात का संदेश देंगे कि सरकार में काम के लिए 50 फीसदी कमीशन लिया जाता है।

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