क्यों किया पड़ौसी जिले में मां ताप्ती को नमन
बैतूल, रामकिशोर पंवार (वेबवार्ता )। बैतूल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दरकिनार करने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी इस बार शिवराज सिंह चौहान को अपने संग लेकर आए क्योकि लोकसभा के मौजूदा समय में हो रहे चुनाव के प्रथम चरण में अचानक छिन्दवाड़ा एवं मंडला जिले में धड़ाम से गिरे मतदान के प्रतिशत ने पीएम नरेन्द्र मोदी सहित पूरी भाजपा के चेहरे पर चिंता एवं घबराहट का पसीना ला दिया। पीएम नरेन्द्र मोदी बैतूल जिले में दो बार आए एक बार चुनाव के पहले दुसरी बार विधानसभा के चुनाव के दौरान…. पहली बार में उन्होने ताप्ती को याद किया और बैतूल की जनता से सवाल किया कि जिस तापी ने मेरे सूरत की सूरत बदल दी उसने बैतूल की सूरत क्यों नहीं बदली….? जब लगभग दस साल तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद जब पीएम मोदी बैतूल आए तो उन्होने सूर्यपुत्री ताप्ती काउ नाम तक लेना उचित नहीं समझा क्योकि यदि ताप्ती का नाम लिया तो लोग पुछेगें कि मोदी जी आप भी दस साल तक प्रधानमंत्री रहे आपकी केन्द्र की सरकार ने बैतूल की कौन सी तस्वीर या तकदीर बदल दी….? पीएम नरेन्द्र मोदी साकादेही में पुण्य सलिला मां ताप्ती का नाम लिए बिना चले गए लेकिन जैसे ही हरदा आए तो नर्मदा जी के संग – संग ताप्ती जी को भी याद कर गए। ऐसा करने के पीछे मोदी जी शायद ताप्ती जी के समुद्र संगम पर बसे सूरत से मिली जीत को लेकर मचे बवाल को दबाने की मां ताप्ती से प्रार्थना करना चाहते थे क्योकि सूरत लोकसभा चुनाव में जिस ढंग से लोकशाही की लोकतंत्र की निर्मम हत्या हुई है उससे बाबा साहब का संविधान लहु लुहान हो गया है।