मुख्यमंत्री इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में अंतरित करेंगे राशि
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार 10 जुलाई को इंदौर से प्रदेश की 1.25 करोड़ से अधिक बहनों के खाते में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित करेंगे। वे प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद लाड़ली बहनों को वर्चुअली संबोधित भी करेंगे। मुख्यमंत्री 10 जुलाई को धार जिले में हो रहे लाड़ली बहना सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। इन कार्यक्रमों को लेकर आज मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स इंदौर से राज्य स्तरीय एवं जिलों के कलेक्टरों से जिला स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 जुलाई को इंदौर के सुपर कॉरिडोर ग्राउंड में मौजूद लगभग एक लाख बहनों के साथ ही पूरे प्रदेश में वर्चुअल रूप से जुड़ी लाखों लाड़ली बहनों को संबोधित करेंगे। कर्तव्य निर्वहन के लिए लाड़ली बहनों को शपथ दिलवाई जाएगी, जिससे वे दायित्व बोध के साथ अपने कार्य को व्यवस्थित रूप दे सकेंगी। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के लिए इंदौर में स्थानीय प्रशासन द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में गठित लाड़ली बहना सेना की सदस्यों को विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल का लाभ मिल रहा है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में यह प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। सभी लाड़ली बहनें प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभांवित होंगी। प्रदेश में लाड़ली बहना सेना के गठन के बाद समस्त नाम पोर्टल पर दर्ज भी किए गए हैं। डीबीटी से संबंधित श्रेष्ठ कार्यों के लिए प्रदेश में आगर मालवा अव्वल स्थान पर है, जहां कुछ ही प्रकरणों में डीबीटी कार्य शेष है।
बेरोजगारी भत्ता देना बेरोजगारों के साथ न्याय नहीं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में हुई फिक्की की कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आरंभ की गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना स्किल डिमांड और स्किल सप्लाय के बीच के गैप को मिटाकर भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस योजना से उद्योगों, सर्विस सेक्टर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जरूरत के अनुसार युवाओं को काम सीखने का मौका मिलेगा और व्यावसायिक संस्थानों को काम के लिए रेडी वर्कफोर्स उपलब्ध होगा। यह योजना युवाओं और व्यावसायिक संस्थानों दोनों के लिए ही समान रूप से उपयोगी और लाभकारी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना, उनके साथ न्याय नहीं है। प्रदेश के युवाओं में प्रतिभा और क्षमता है, हम उनका उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कौशल उन्नयन कर युवाओं को प्रदेश के विकास में सहभागी बनाना चाहते हैं।