मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोटवार महापंचायत में की घोषणा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के कोटवारों को अब सेवानिवृत्ति पर एक लाख रूपए दिए जाएंगे। उनके मानदेय में भी बढ़ौत्तरी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटवारों की वर्दी का रंग भी खाकी होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये घोषणा आज राजधानी के लाल परेड मैदान पर आयोजित कोटवार महापंचायत में की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोटवारों को सेवानिवृत्ति के समय एक लाख रुपए की राशि मिलेगी। कोटवारों को मिलने वाली राशि में अब हर साल पांच सौ रुपए बढ़ते चले जाएंगे। ऐसे कोटवार जिनके पास सेवा भूमि नहीं है उन्हें 4 हजार के स्थान पर 8 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। ऐसे कोटवार जिनके पास 3 से 7.5 एकड़ तक सेवा भूमि है उन्हें छह सौ रुपए प्रतिमाह के स्थान पर बारह सौ रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। ऐसे कोटवार जिनके पास 7.5 एकड़ से 10 एकड़ तक सेवा भूमि है उन्हें पर न्यूनतम मानदेय एक हजार रुपए प्रतिमाह मिलेगा। इसमें समय-समय वृद्धि भी होगी। जिनके पास 3 एकड़ तक की सेवा भूमि है उन्हें वर्तमान में मिल रहे एक हजार रुपए के स्थान पर दो हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम कोटवार राजस्व प्रशासन के रीढ़ की हड्डी हैं। वे सूचनाओं को अपडेट करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ओला, पाला, खेतों में इल्ली, सूखा और अन्य आपदाओं की जानकारी देने का महत्वपूर्ण कार्य भी करते हैं। इनके जीवन की कठिनाईयों को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोटवारों को सीधे मुख्यमंत्री निवास से जोड़कर आवश्यक सूचनाएं प्राप्त करने का माध्यम भी बनाया जाएगा। इसके लिए विशेष अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलवाया जाएगा। उनकी वर्दी का रंग अब खाकी होगा।
मिलेगा लाड़ली बहना योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटवार पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता से छूट रहेगी। प्रत्येक कोटवार को सीयूजी सिम मिलेगी। इसका रिचार्ज भी राज्य सरकार करेगी। कोटवार परिवार की हर बहन को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलेगा। कोटवारों का प्रतिवर्ष सम्मेलन होगा।
गांव के गूगल है कोटवार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटवार का पद छोटा है लेकिन उनका दायित्व बड़ा है। कोटवार ग्राम देवता हैं। वे गाँव के गूगल हैं। कोटवार की जानकारी के बिना कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ती। कोटवार से ग्राम की सब जानकारी मिल जाती है। वे इसलिए चलते-फिरते गूगल हैं। सही मायने में कोटवार जमीन से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ग्राम में बचपन में जागते रहो की रात के समय आवाजें सुनी हैं। कोटवार इसलिए जागते हैं, सावधान करते रहते हैं, जिससे ग्राम सुरक्षित रहे।