अभिमनोज. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, लेकिन इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुका है, शायद…. कर्नाटक, गुजरात नहीं है, और यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के सामने पीएम नरेंद्र मोदी के सारे सिद्धांत ढेर हैं, तो टिकट वितरण के गुजराती मॉडल के विरोध में बगावत के सुर तेज हो गए हैं?
याद रहे, कर्नाटक में येदियुरप्पा को नजरअंदाज करना पीएम नरेंद्र मोदी के भी बस की बात नहीं है, मोदी टीम द्वारा सत्ता से सेवानिवृत्ति की उम्र 75 वर्ष को किनारे करके येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे, तो परिवारवाद को नजरअंदाज करते हुए उनके बेटे को टिकट भी दिया गया है?
खबरों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर जैसे लिंगायत नेताओं का टिकट कटा, तो वे अब बगावती तेवर दिखा रहे हैं, इतना ही नहीं, 11 मौजूदा विधायकों को भी टिकट नहीं दिया गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि या तो बीजेपी नेतृत्व को बागियों की बात सुननी होगी या फिर चुनाव में नुकसान के लिए बीजेपी को तैयार रहना होगा!
येदियुरप्पा, ईश्वरप्पा, अंगारा आदि ने तो चुनावी राजनीति से दूर रहने का ऐलान किया है, लेकिन जगदीश शेट्टर ने बीजेपी नेतृत्व की बात मानने से साफ इंकार कर दिया, वह बगावत पर उतारू हैं और उनका कहना है कि- मैं चुनाव लड़ूंगा, पार्टी को मुझसे कंसल्ट करना चाहिए?
दिलचस्प तथ्य यह है कि हिजाब के खिलाफ मुहिम चलाने वाले उडुपी विधायक रघुपति भट्ट को भी टिकट नहीं दिया गया है, उनका कहना है कि- जिस तरह से उन लोगों ने मेरे साथ व्यवहार किया है, उससे मैं बहुत ही दुखी हूं, अब तक बीजेपी के किसी भी नेता ने मुझे कॉल नहीं किया है, यह ठीक नहीं है!
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर जो सर्वे आए हैं वे पहले से ही बीजेपी के लिए निराशाजनक हैं, ऐसे में यदि बगावत होती है तो बीजेपी के हाथ से कर्नाटक की सत्ता निकल सकती है, यही नहीं कर्नाटक के नतीजों का असर राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी नजर आएगा?
कर्नाटक! दिलचस्प होगा सर्वे का नाटक? मोदी टीम हार भी जाए तो क्या, सियासी जोड़तोड़ जिंदाबाद??