प्रदेश में खोले जाएंगे पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज

0
कैबिनेट का फैसला, कलेक्टर रेट पर उपलब्ध कराई जाएगी जमीन
भोपाल। सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए कलेक्टर रेट पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। अस्पतालों में 75 फीसदी बेड सिर्फ गरीबों के लिए रिजर्व होंगे। पीपीपी मोड पर काम करने वाली निजी एजेंसी 25 प्रतिशत बेड का इस्तेमाल कर सकेगी।
ये फैसला आज मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। कैबिनेट बैठक में फैसला लिया कि प्रदेश में अब पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में तय किया गया कि पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कलेक्टर रेट पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज खोलने पर सरकारी जिला अस्पताल संबंधित को सौंप दिया जाएगा। इस तरह सिर्फ मेडिकल कॉलेज ही खोलना होगा। जिला अस्पताल के स्टॉफ की सेलरी कॉलेज संचालक को ही देना होगी। अस्पतालों में 75 फीसदी बेड सिर्फ गरीबों के लिए रिजर्व होंगे। पीपीपी मोड पर काम करने वाली निजी एजेंसी 25 प्रतिशत बेड का इस्तेमाल कर सकेगी। इस निर्णय से जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना होने से जिले के मरीजों को तृतीय स्तर की सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एवं जिला अस्पतालों का उन्नयन करके मरीजों को उच्चतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदाय करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
जबलपुर में झूला पुल के लिए राशि स्वीकृत
जबलपुर से लम्हेटा के मध्य नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्चस्तरीय झूला पुल (केबल स्टे) के निर्माण के लिए लागत राशि 177 करोड़ 12 लाख 97 हजार रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वर्ष 2018 में जबलपुर से लम्हेटा के बीच नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित झूला पुल के निर्माण के लिए 49 करोड़ 73 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। तकनीकी कारणों से परियोजना की लागत बढ़कर 177 करोड़ 13 लाख रूपये हो गई है। इसके निर्माण से 18 गांव के 45 हजार जनसंख्या और पर्यटकों को सुगमता होगी। पंचक्रोशी यात्रा के 5 से 10 लाख श्रद्धालुओं को घूमकर या नाव से नदी पार करके नहीं जाना पड़ेगा तथा वर्षाकाल में आवागमन में किसी प्रकार का अवरोध भी नहीं आएगा।
पंचायत सचिवों के परिजनों को मिलेगा अनुकंपा का लाभ
पंचायत सचिवों को अब सामान्य कर्मचारियों की तरह अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिल सकेगा। कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण पंचायत विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब किसी दुर्घटना या अन्य कारण से पंचायत सचिव की मौत होती है तो परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। अनुकंपा के नियम वहीं होंगे जो सामान्य कर्मचारियों के लिए होते हैं।
सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसरों का वेतन बढ़ा
कैबिनेट की बैठक में सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसरों को 6वें वेतनमान के तहत एजीपी 10 हजार रुपए का लाभ दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही यह प्रोफेसर छात्रों को पीएचडी भी करा सकेंगे. सरकार के इस प्रस्ताव से प्रदेश के करीबन 2000 प्रोफेसरों को लाभ मिलेगा।
डायल 100 की अनुबंध अवधि बढ़ाई
केन्द्रीकृत पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डायल-100) योजना के निरंतर संचालन के लिए अनुबंधित फर्म की अनुमोदित दरों में 15 प्रतिशत अधिक 6 माह (1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक) के लिये अनुबंधन अवधि में वृद्धि अथवा नवीन निविदा उपरांत चयनित निविदाकार द्वारा डायल-100 सेवा के संचालन का कार्य प्रारंभ करने की तिथि तक, जो भी अवधि कम हो तक की वृद्धि के लिये अनुमानित लागत 69 करोड़ 48 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई।
स्मार्ट सिटी को प्रारंभिक रूप से चयन प्रक्रिया में शामिल किए जाने की स्वीकृति
कैबिनेट ने केंद्र की सिटीज इन्वेस्टमेंट टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन 2.0 में प्रदेश की सातों स्मार्ट सिटी को प्रारंभिक चयन में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। इसमें केंद्र सरकार ने देशभर के 100 स्मार्ट सिटी के प्रस्तावों पर मेरिट बनाया है और इसमें से टॉप 18 स्मार्ट सिटी होना है.कुछ राशि केंद्र से मिलेगी तो कुछ राशि राज्य सरकार को अपने अंश से मिलानी होगी। योजना का उददेश्य जलवायु संवेदनशील योजना एवं क्रियान्वयन को बढ़ावा देना तथा शहरी जलवायु के क्रियान्वयन के लिए निवेश को प्रेरित करना, संस्थागत तंत्र का निर्माण, भागीदारी प्रोत्साहन एवं क्षमतावर्धन है।
सिंचाई योजनाओं के लिए राशि स्वीकृत
प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 5 हजार 180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी गई। इसमें से 5 हजार 42 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित और 137 करोड़ रूपये से अधिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। स्वीकृत की गई परियोजनाओं में पन्ना जिले के विकासखंड शाहनगर में 600 करोड़ रूपए के स्थान पर 775 करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 577 ग्राम पेयजल सुविधा से भी लाभान्वित होंगे।

Leave A Reply

To Top