फिल्म जगत के दक्षिणी सुपर स्टार कमल हासन दिल्ली में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए, यही नहीं, इस दौरान उन्होंने कहा कि- कमल मेरा नाम जरूर है, लेकिन मेरे पिता कांग्रेसी थे, हमारी विचारधाराएं जरूर अलग-अलग थीं और मैंने अपनी राजनीतिक पार्टी भी बनाई, लेकिन जब देश की बात आती है, तो सभी राजनीतिक लाइन धुंधली पड़ जाती हैं, मैंने उस लाइन को धुंधला कर दिया और यहां आ गया.
यकीनन, कमल हासन का यह हृदय परिवर्तन उन्हें कांग्रेस के करीब लाता है, तो दक्षिण भारत में कांग्रेस की सियासी सूरत और सीरत बदल जाएगी.
दक्षिण भारत में कमल हासन और रजनीकांत, दोनों की दमदार लोकप्रियता है. दोनों ने पिछले चुनावों में सियासी सक्रियता भी दिखाई थी और कमल हासन ने तो बाकायदा अपनी पॉलिटिकल पार्टी बना कर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जबकि रजनीकांत ने अपना राजनीतिक इरादा बदल दिया.
दरअसल, नई पार्टी बना कर उसे खड़ी करना और कामयाबी हासिल करना आसान नहीं है, जबकि पहले से बनी पार्टी को जीत दिलवाना आसान है.
लिहाजा, यदि कमल हासन कांग्रेस से जुड़ते हैं, तो न केवल कांग्रेस को कामयाबी मिलेगी, बल्कि कमल हासन मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं.
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल्ली में लाल किले के पास बने मंच पर कमल हासन ने कहा कि- कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं यहां क्यों आया हूं, तो उन लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि मैं यहां पर एक भारतीय के तौर पर आया हूं, मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर यहां आया हूं, मेरी आत्मा ने मुझे कहा कि कमल भारत तोड़ने का नहीं भारत जोड़ने का काम करो.
उन्होंने यह भी कहा कि- ये यात्रा अभी सिर्फ शुरू हुई है, मैं रोड पर चलने वाली यात्रा की बात नहीं कर रहा, बल्कि बदलाव की यात्रा की बात कर रहा हूं, मैं यहां पर सिर्फ पांच साल के प्लान के लिए नहीं आया हूं, मैं यहां पर आने वाली पीढ़ियों के प्लान के लिए आया हूं, मैं राहुल गांधी के इस साहसी कदम की सराहना करता हूं.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कमल हासन ने एकदम सही समय पर कांग्रेस की ओर कदम बढ़ाए हैं, यदि वे कांग्रेस के साथ आ जाते हैं, तो उनके सियासी सपने भी साकार हो सकते हैं!