कांग्रेस के लिए मुसीबत बनेगी बसपा

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विंध्य, ग्वालियर-चंबल में बसपा प्रत्याशी बिगाड़ सकते हैं समीकरण
भोपाल।  विधानसभा के 2023 के चुनाव की तरह इस बार फिर लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकते हैं। विंध्य की सतना, ग्वालियर-चंबल की भिंड, मुरैना और ग्वालियर सीट पर बसपा ने कांग्रेस और दूसरे दलों से आए नेताओं को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकाणीय बना दिया है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में कई स्थानों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने कांग्रेस की जीत की राह में रोड़ा अटकाया था, ठीक उसी तर्ज पर इस बार लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी करते नजर आ रहे हैं। इनमें सतना, भिंड, मुरैना और ग्वालियर चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और दूसरे दलों से आए नेताओं को बसपा ने एक बार फिर मैदान में उतारा है। सतना में भाजपा से विधायक रहे नारायण त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां भाजपा के गणेश सिंह और कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा मैदान में है। इसके अलावा बसपा के त्रिपाठी ने मैदान में उतरकर यहां त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है। इसके चलते यहां पर फिलहाल तो दोनों ही दलों के समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं, मगर नुकसान का देखा जाए तो कांग्रेस को खासा नुकसान यहां हो सकता है।
सतना के अलावा भिंड में कांग्रेस के टिकट के दावेदार देवाशीश जरारिया को एनवक्त पर बसपा ने अपने पाले में लाकर कांग्रेस की राह में मुसीबत खड़ी कर दी है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के लिए जरारिया परेशानी बनते जा रहे हैं। जबकि ग्वालियर लोकसभा सीट पर भी बसपा ने कांग्रेस के कल्याण सिंह कंसाना को मैदान में उतारा है। वहीं मुरैना में बसपा ने रमेश चंद्र गर्ग को प्रत्याशी बनाया है। इनके मैदान में उतरने से भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं और मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
गौरतलब है कि भिंड, मुरैना और ग्वालियर तीनों से लोकसभा सीटों पर बसपा ने जिन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, वे तीनों कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, मगर कांग्रेस ने इन्हें टिकट नहीं दिया। इसके चलते तीनों ने दल बदलकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है।
सतना और मुरैना में मजबूत रहती है बसपा
सतना और मुरैना संसदीय सीटों पर बसपा का खासा प्रभाव और वोट बैंक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो इस सीट पर बसपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था। उन्हें 1 लाख 29 हजार 280 वोट हासिल हुए थे। वे इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे। वहीं सतना संसदीय सीट पर इस चुनाव में बसपा को 1 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे और बसपा प्रत्याशी अच्छेलाल कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे थे। लोकसभा चुनाव में इन दोनों ही सीटों पर बसपा ने भाजपा और कांग्रेस के समीकरणों को बिगाड़ने का काम किया है।

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