प्रधानमंत्री ने सरकार को दी बधाई, कहा आप पर भावी पीढ़ी को नई दिशा देने की जिम्मेदारी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाले 5 हजार 500 से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली जुड़कर नवनियुक्त शिक्षकों शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप पर भारत की भावी पीढ़ी को गढ़ने, उन्हें आधुनिकता में ढालने और नई दिशा देने की जिम्मेदारी है। प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में हुई, लगभग 50 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुए कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़कर नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि नव नियुक्त शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी योगदान है। इसमें पारम्परिक ज्ञान से लेकर भविष्य की टेक्नालॉजी को समान रूप से महत्व दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में भी नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। मातृ भाषा में पढ़ाई को लेकर विशेष प्रयास हुए हैं। सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अंग्रेजी न जानने वाले छात्रों के लिए उनकी मातृ भाषा में पढ़ाई की व्यवस्था की गई है।
इंसान गढ़ने का काम करते हैं शिक्षक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नव नियुक्त शिक्षाकों से कहा कि शिक्षकों का काम विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान और बेहतर मनुष्य बनने के संस्कार देना है। शिक्षक बनना कोई साधारण नौकरी नहीं है, शिक्षक इंसान गढ़ने का काम करते हैं। आप विद्यार्थियों की चिंता करिए आप सभी के भविष्य की चिंता करना मेरा काम है। मुख्यमंत्री ने नव नियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आप सब मेरे भांजे-भांजियाँ हैं और हमारा प्रेम व स्नेह का नाता है। शिक्षक अर्थात गुरू का दायित्व ग्रहण करने से मेरे मन में आपके प्रति आदर भाव है। गुरु का अर्थ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना है। गुरू वह कुम्हार है जो माटी से जैसी चाहे मूर्ति बना दे। जैसा आप बच्चों को गढ़ना चाहेंगे गढ़ देंगे। आप पर ही आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी है।
योग, व्यायाम, ध्यान को दिनचर्या का अंग बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षक लगातार बेहतर करने और अपने कार्य में नवाचार का निरंतर प्रयास करें। सदा प्रसन्न रहें, तनाव रहित रहें, प्रातः काल योग,व्यायाम, ध्यान को दिनचर्या का अंग बनाएं। इससे कार्यक्षमता बढ़ेगी और आप अपने पारिवारिक और शासकीय कार्यों में संतुलन बनाते हुए बेहतर परिणाम देंगे तथा आपका जीवन भी अधिक आनंदमय बनेगा।
मेरी प्रेरणा स्वामी विवेकानंद
मेरी प्रेरणा स्वामी विवेकानंद रहे हैं। वे कहते थे शिक्षा वह है जो मनुष्य को मनुष्य बना दे। मनुष्य का अर्थ है चरित्रवान, ईमानदार, शालीन, कर्मठ, देशभक्त और परोपकारी हो तथा जो दुनिया को बेहतर बनाए, वही मनुष्य है। मुख्यमंत्री ने श्रीमद भगवद गीता में उल्लेखित सात्विक कार्यकर्ता के गुणों के अनुरूप अपना व्यक्तित्व विकसित करने का नवनियुक्त शिक्षकों से आव्हान किया।