कम लिंगानुपात वाले जिलों की रखी जाएगी निगरानी

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भोपाल। प्रदेश के कम लिंगानुपात वाले जिलों की निगरानी रखी जाएगी। इन जिलों में  औषधी निरीक्षक को गर्भपात करने वाली औषधियों के विक्रय पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं
प्रदेश में दतिया, सतना, ग्वालियर, रायसेन, सीधी, बुरहानपुर, सीहोर, गुना, देवास, सिंगरौली, पन्ना, हरदा और बड़वानी जिले ऐसे हैं जहां जन्म के समय लिंगानुपात कम है। इन  जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्रों के संचालकों, जिला समुचित प्राधिकारियों और पीसीपीएनडीटी नोडल ऑफिसर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राज्य स्तरीय समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।  पीसीपीएनडीटी अधिनियम की संबद्धता गर्भ का चिकित्सीय समापन (एमटीपी) अधिनियम को ध्यान में रखते हुए गर्भपात करने वाली औषधियों के विक्रय पर निगरानी रखने के लिये औषधि निरीक्षकों को निर्देशित करने का निर्णय भी लिया गया।
महाविद्यालयीन छात्राओं को बनाया जाएगा ब्रांड एंबेसेडर
प्रदेश में लिंग चयन गतिविधियों के प्रतिशोध के लिए मुखबिर योजना को जन-समुदाय तक पहुँचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। लिंग चयन एवं लिंग आधारित गर्भपात के दुष्प्रभाव और गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के संबंध में जानकारी देने के लिए महाविद्यालयीन छात्राओं को ब्रांड एंबेसेडर के रूप में चयनित किया जाने का फैसला भी स्वास्थ्य विभाग ने लिया है।

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