नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से मणिपुर की धटनाओं पर राजनीति न करने की अपील करते हुए गुरुवार को कहा कि राज्य में शांति स्थापित करने के लिए सबको साथ लेकर चलने का एक विश्वास जगाने का प्रयास निरंतर चल रहा है और वहां शांति का सूर्योदय जरूर होगा। मोदी ने विपक्षी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा सरकार के विरुद्ध लोक सभा में रखे गए प्रस्ताव पर तीन दिन की चर्चा का जवाब दे रहे थे। मंगलवार को इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने कहा कि यह प्रस्ताव मणिपुर पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ने के लिए लाया गया है।
प्रधानमंत्री के करीब ढाई घंटे के उत्तर के बाद सदन ने अविश्वास प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। प्रस्ताव पर ध्वनिमत से पहले विपक्षी सदस्य बहिर्गमन कर गए थे। मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव की पर हुई चर्चा के जवाब में विपक्षा विशेष रूप से कांग्रेस पर केवल सत्ता की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मणिपुर की समस्या पुरानी है और उनकी सरकार ‘पिछले छह साल से वहां की समस्याओं का समाधान निकालने के प्रयास में लगी हुई है।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हाल की हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुए अपराध को अक्षम्य बताते हुए आश्वासन दिया कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘ देश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस प्रकार से प्रयास चल रहे हैं निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। मणिपुर फिर एक बार नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। मैं मणिपुर के लोगों से भी आग्रह पूर्वक कहना चाहता हूंए वहां की माताओं, बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं देश आपके साथ हैए ये सदन आपके साथ है।