प्रदेश में बनेगी नई यूथ पॉलिसी: शिवराज

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युवा देंगे सुझाव, ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में होगी घोषणा
भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम लगातार युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते कार्य कर रहे हैं। वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए अब हमने तय किया है कि यूथ पॉलिसी बनाई जाएगी और यह पॉलिसी हमारे युवा बेटे-बेटियों के सुझावों के आधार तैयार होगी। यह पॉलिसी इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में घोषित की जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात आज राजधानी में आयोजित  मुख्यमंत्री यंग प्रोफेशनल वार्षिक कॉन्क्लेव सुशासन समागम में सहभागिता की और युवाओं से संवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि योजनाओं की मॉनिटरिंग सरकारी तंत्र के बाहर से भी की जाए, ताकि उचित लोगों तक निश्चित समय सीमा में लाभ पहुँचे इसलिए मुझे लगा कि युवा ऊर्जा का उपयोग किया जाए। इसके लिए हमने सीएम फेलोज बनाएं। हम लगातार युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते कार्य कर रहे हैं। वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए अब हमने तय किया है कि यूथ पॉलिसी बनाई जाएगी।  यह पॉलिसी हमारे युवा बेटे-बेटियों के सुझावों के आधार तैयार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 और 12 जनवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है। एक कार्यक्रम 13 जनवरी को होगा, उसी में यूथ पॉलिसी घोषित की जाएगी। ये सरकार नहीं बनाएगी, आपको बनाना है। यूथ पॉलिसी बनाने में यूथ पार्टिसिपेट करें, इसमें अधिकतम युवाओं को शामिल किया जाए। जो विचार आएंगे, उन्हें हम जमीन पर उतारने का काम करेंगे।
भरोसा है सौ प्रतिशत सुशासन लाकर रहूंगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पर्यावरण इसी तरह बिगड़ता रहा, तो धरती रहने योग्य नहीं रह जायेगी। मैंने 19 फरवरी, 2021 को अमरकंटक में पौधे रोपे और यह सिलसिला आज तक लगातार जारी है। आप सबसे अनुरोध है कि प्रत्येक शुभ अवसर पर पौधे अवश्य रोपें।  मेरे पिताजी मुझे डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मैंने मन में सोचा कि डॉक्टर बनकर कितने लोगों का भला कर सकूंगा? इसलिए मैंने जनसेवा का व्रत लिया। अपने लिए जीये, तो क्या जीये! जी ऐ दिल, तू जमाने के लिए। दूसरों के लिए जीने से जिंदगी सार्थक हो जाती। मुझे पूरा विश्वास है कि इन युवाओं के बल पर मैं जनता के लिए सुशासन को सौ प्रतिशत जमीन पर ला कर रहूंगा।
जनता के कष्ट दूर करने बनाई हमने योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के कष्ट को देखकर उसे दूर करने के लिए मैंने योजनाएं बनाई। ऐसा नहीं रहा कि मैंने दफ्तर में बैठकर योजनाएं बना दी। लाडली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह व तीर्थदर्शन जैसी अनेक योजनाएं भी मैंने इसी आधार पर बनाने का काम किया। मेरा सपना था कि मध्यप्रदेश की धरती पर बेटी जन्म लेगी, तो लखपति होगी। अब यह सपना मेरा साकार हो चुका है। यह बताते हुए मुझे खुशी है कि प्रदेश में आज 43 लाख से अधिक लाडली लक्ष्मी बेटियां, लखपति बेटियां हैं।

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