जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में चल रही राजनीतिक जंग का अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. कांग्रेस हाईकमान मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर हाल ही में हुई उच्च स्तरीय सुलह बैठक में भी ‘सुलह’ का कोई फार्मूला नहीं बन पाया है. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट कांग्रेस हाईकमान के आश्वासन से खुश नहीं हैं. पायलट के अल्टीमेटम की समय सीमा आज खत्म हो रही है. सचिन अभी भी अपने आंदोलन के अल्टीमेटम पर कायम हैं. सचिन पायलट अगले कुछ दिन में अपनी अगली रणनीति का खुलासा कर सकते हैं.
पार्टी सूत्रों के अुनसार हाईकमान ने गहलोत पायलट को राहुल गांधी के विदेश से लौटने और किसी फार्मूला के बनने तक सीज फायर के लिए कहा है. लेकिन पार्टी हाईकमान ने दोनों को अभी तक कोई संकेत नहीं दिया कि सुलह का फार्मूला क्या होगा? बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सचिन पायलट को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. राहुल गांधी ने विदेश जाने से पहले गहलोत पायलट दोनों से अलग अलग दो घंटे मुलाकात की.
राहुल गांधी ने सिर्फ दोनों को सुना लेकिन दोनों के साथ संयुक्त बैठक नहीं की. पायलट ने राहुल के सामने 2020 में हुए विवाद को सुलझाने के लिए बनी कमेटी के सुझाव का मुद्दा उठाया. पायलट ने गहलोत गुट की ओर से पिछले साल सितंबर में की गई बगावत के बाद तीन मंत्रियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं करने का भी मुद्दा उठाया. इसके साथ ही अपनी तीन मांगों के बारे में भी राहुल गांधी को बताया. दूसरी तरफ गहलोत ने राहुल गांधी से कहा कि चुनाव तक विवाद खड़े न हो शांति बने रहे तभी चुनाव जीतेंगे.
सचिन पायलट आज टोंक जाएंगे. फिलहाल पायलट अपनी तीनों मांगों के समाधान के अल्टीमेटम पर कायम हैं. पायलट की इन तीन मांगों में राजस्थान में पेपर लीक केस से प्रभावित छात्रों को मुआवजा देने, राजस्थान लोकसेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर करने और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार की जांच की मांग शामिल है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की उच्चस्तरीय बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से दावा किया गया था कि दोनों के बीच सुलह का फॉर्मूला निकाल लिया गया है.