भोपाल। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदियों की सशर्त रिहाई की जाएगी। दुष्कर्म के आरोपी किसी भी बंदी को सजा में छूट नहीं दी गई है। बता दें कि पहले कैदी साल में 2 बार रिहा होते थे, लेकिन, अब साल में 4 बार गांधी जयंती, अंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर कैदियों की रिहाई होती है।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि ऐसे बंदी जिनकी सजा के विरुद्ध अपील लंबित है, उनको अपील के निराकरण के उपरांत रिहाई की पात्रता होगी। जिन्हें जुर्माना से दण्डित किया गया है, वे यदि जुर्माना राशि 15 अगस्त तक जमा कर देते हैं, तो उन्हें रिहाई की पात्रता होगी। जिन्हें किसी अन्य प्रकरण में सजा भुगतना शेष है, उन्हें शेष सजा भुगताये जाने के लिए रोका जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि इसके अलावा जिन्हें किसी अन्य प्रकरण में जमानत प्राप्त नहीं हुई है, उन्हें विचाराधीन बंदी के रूप में रोका जाएगा। यदि कोई बंदी अन्य राज्य के प्रकरण में दण्डित किया गया है, तो वह संबंधित राज्य में स्थानान्तरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 15 गैर-आजीवन कारावास के बंदियों को सजा में छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा को देखते हुए दुष्कर्म के किसी भी प्रकरण में सजा माफी नहीं दी जा रही है।