दावेदारों के चलते भोपाल दक्षिण विधानसभा सीट दोनों दलों के बिगड़ रहे समीकरण
भोपाल। राजधानी भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर मुसीबत खड़ी कर रही है। दोनों ही दलों के पूर्व मंत्रियों को प्रत्याशी न बनाए जाने को लेकर दावेदार अपनी दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस के टिकट के दावेदार ने तो आज हजारों की संख्या में महिलाओं को भेजकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को एक आवेदन भी दिलवा दिय दूसरी ओर भाजपा में भी यही हालात है, भाजपा के कद्दावर नेता भी इस सीट पर टिकट की मांग कर संगठन को चिंता में डाल चुके हैं।
भाजपा की दक्षिण-पश्चिम सीट से भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री पी सी ष्शर्मा के लिए इस बार अपने ही मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। दोनों ही दलों में यह बात तय सी मानी जा रही थी ि कइस बार भी यहां से इन्हें ही टिकट दिया जाएगा। भाजपा और कांग्रेस इसे लेकर कोई फैसला करता उसके पहले टिकट के दावेदारों ने दोनों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। भाजपा की ओर से भोपाल मध्य विधानसभा सीट से इस बार जमीन से जुड़े और पूर्व जिला अध्यक्ष एवं मध्य सीट से विधायक रहे सुरेन्द्र नाथ सिंह ने दावा किया है। वे खुलकर यहां से दावेदारी कर रहे हैं। संगठन ने जब उन्हें मध्य सीट से टिकट देने को कहा था वे मना कर आए थे। उनका कहना था मैंने अब तक पूरा जीवन दक्षिण सीट पर बीताया तो मुझे मध्य सीट से टिकट क्यों दिया जा रहा है। सुरेन्द्र नाथ सिंह की दावेदारी से संगठन परेशान हो गया है और अब तक तय नहीं किया गया कि किसे टिकट दिया जाए।
कमलनाथ से मिलने पहुंची महिलाएं
कांग्रेस में इस सीट पर संजीव सक्सेना इस बार पूरी ताकत से टिकट के लिए जुटे हैं। पिछली बार भी उन्होंने निर्दलीय फार्म भरकर पी सी ष्शर्मा की मुसीबत को बढ़ा दिया था। उस वक्त दिग्विजय सिंह ने जाकर उन्हें मना लिया था। मगर इस बार वे दिग्विजय सिंह के दिए आश्वासन की बात करते हुए टिकट की मांग कर रहे हैं। सिंह ने उन्हें 2023 में टिकट मिलने का आश्वासन दिया था। इसे लेकर आज उन्होंने करीब 6 हजार महिलाओं को कमलनाथ के बंगले पर भेज कर एक तरह से शक्ति प्रदर्शन करा दिया। इन महिलाओं ने एक तरह से सांकेतिक प्रदर्शन कर कमलनाथ को आवेदन दिया और संजीव सक्सेना को टिकट देने की मांग की है। वहीं संजीव सक्सेना के दावे के बाद अब पी सी ष्शर्मा और कांग्रेस दोनां की चिंता बढ़ रही है। इस सीट पर जीत के लिए प्रत्याशी तय करना कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है।