प्रत्याशी की घोशणा के पहले नेताओं से बढ़ाया संपर्क
भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों ने कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है। पार्टी हाईकमान भी चिंतित हुआ है। अब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और कांग्रेस के बड़े नेता ऐसे नेताओं से संपर्क कर रहे हैं, जिनके कांग्रेस में जाने की बात बार-बार सामने आ रही है। साथ ही संभावित उम्मीदवारों से भी संपर्क किया जा रहा है, ताकि उम्मीदवार घोशित होने के बाद कहीं वे पार्टी ना छोड़ जाएं।
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के लिए उनके अपने नेता जो पार्टी छोड़कर भाजपा में ष्शामिल हो रहे है, वे चिंता का कारण बन गए हैं। हाल ही में पार्टी के वरिश्ठ नेता सुरेश पचौरी के साथ पूर्व विधायकों और एक सांसद सहित दर्जनभर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली, इसके बाद कांग्रेस में हलचल मच गई है। बताया जाता है ि कइस खबर से पार्टी हाईकमान भी चिंतित हुआ है। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को प्रदेश के नेताओं से सीधा संपर्क करने की बात कही है। सूत्रों की माने तो उन नेताओं जिनके पार्टी छोड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं और वर्तमान विधायकों से लगातार संपर्क में रहने की बात पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष को कही है। इसके बाद खुद प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश के नेता पार्टी नेताओं से संपर्क बढ़ा रहे हैं। खासकर सुरेश पचौरी समर्थक विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी ने जिन संभावित नामों पर विचार कर लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए पैनल या फिर सिंगल केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजा था, उन दावेदारों से भी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने संपर्क बढ़ाया है। पार्टी को इस बात की ज्यादा चिंता है कि कहीं लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोशित किए जाने के बाद ये नेता फिर से धोखा ना दे दें।
भागीरथ प्रसाद, राजकुमार पटेल दे चुके हैं धोखा
लोकसभा चुनाव में पूर्व में कांग्रेस के दो उम्मीदवार ऐसे हैं, जो उम्मीदवार घोशित किए जाने के बाद मैदान छोड़ गए थे। इनमें विदिशा संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल और भिंड से पूर्व आईएएस अधिकारी भागीरथ प्रसाद शामिल हैं। राजकुमार पटेल को कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में विदिशा संसदीय सीट से सुषमा स्वराज के सामने राजकुमार पटेल को कांग्रेस ने टिकिट देकर विश्वास जताया था, लेकिन बी फार्म जमा नही कर पाने के चलते, सीधा फायदा सुषमा स्वराज को हुआ। जिसके बाद राजकुमार पटेल पर कई आरोप भी लगे थे। इसके बाद पार्टी से उन्हें निष्कासित भी किया गया था। इसी तरह साल 2014 में कांग्रेस को बड़ा झटका तब लगा था जब भिंड से कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद भागीरथ प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए थे। भागीरथ प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई थी। यही वजह है कि पार्टी की किरकिरी और कार्यकर्ताओं को निराशा से बचाने के लिए कांग्रेस ने अब अपनी रणनीति बदली है। समय रहते सभी नेताओं से बातचीत कर ली जाए तो ऐन चुनाव के वक्त पार्टी छोड़ने का सिलसिला थम सकता है।
ये बिना चुनाव जीते बन गए थे नेता
पार्टी छोडकर जाने वालों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने तंज कसा है। लक्ष्मण सिंह सोशल मीडिया में चिंता जाहिर करते हुए लिखा कि ऐसा लग रहा है, जैसे ट्रैफिक जाम खुल गया हो। अब धीरे-धीरे सब की गाड़ियां निकलेंगी। ये बिना एक भी चुनाव जीते नेता बने बैठे थे। जो कई चुनाव जीते हैं उन्हें पीछे धकेल दिया जाता था। अब ऐसा नहीं होगा।
भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों ने कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है। पार्टी हाईकमान भी चिंतित हुआ है। अब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और कांग्रेस के बड़े नेता ऐसे नेताओं से संपर्क कर रहे हैं, जिनके कांग्रेस में जाने की बात बार-बार सामने आ रही है। साथ ही संभावित उम्मीदवारों से भी संपर्क किया जा रहा है, ताकि उम्मीदवार घोशित होने के बाद कहीं वे पार्टी ना छोड़ जाएं।
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के लिए उनके अपने नेता जो पार्टी छोड़कर भाजपा में ष्शामिल हो रहे है, वे चिंता का कारण बन गए हैं। हाल ही में पार्टी के वरिश्ठ नेता सुरेश पचौरी के साथ पूर्व विधायकों और एक सांसद सहित दर्जनभर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली, इसके बाद कांग्रेस में हलचल मच गई है। बताया जाता है ि कइस खबर से पार्टी हाईकमान भी चिंतित हुआ है। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को प्रदेश के नेताओं से सीधा संपर्क करने की बात कही है। सूत्रों की माने तो उन नेताओं जिनके पार्टी छोड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं और वर्तमान विधायकों से लगातार संपर्क में रहने की बात पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष को कही है। इसके बाद खुद प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश के नेता पार्टी नेताओं से संपर्क बढ़ा रहे हैं। खासकर सुरेश पचौरी समर्थक विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी ने जिन संभावित नामों पर विचार कर लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए पैनल या फिर सिंगल केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजा था, उन दावेदारों से भी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने संपर्क बढ़ाया है। पार्टी को इस बात की ज्यादा चिंता है कि कहीं लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोशित किए जाने के बाद ये नेता फिर से धोखा ना दे दें।
भागीरथ प्रसाद, राजकुमार पटेल दे चुके हैं धोखा
लोकसभा चुनाव में पूर्व में कांग्रेस के दो उम्मीदवार ऐसे हैं, जो उम्मीदवार घोशित किए जाने के बाद मैदान छोड़ गए थे। इनमें विदिशा संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल और भिंड से पूर्व आईएएस अधिकारी भागीरथ प्रसाद शामिल हैं। राजकुमार पटेल को कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में विदिशा संसदीय सीट से सुषमा स्वराज के सामने राजकुमार पटेल को कांग्रेस ने टिकिट देकर विश्वास जताया था, लेकिन बी फार्म जमा नही कर पाने के चलते, सीधा फायदा सुषमा स्वराज को हुआ। जिसके बाद राजकुमार पटेल पर कई आरोप भी लगे थे। इसके बाद पार्टी से उन्हें निष्कासित भी किया गया था। इसी तरह साल 2014 में कांग्रेस को बड़ा झटका तब लगा था जब भिंड से कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद भागीरथ प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए थे। भागीरथ प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई थी। यही वजह है कि पार्टी की किरकिरी और कार्यकर्ताओं को निराशा से बचाने के लिए कांग्रेस ने अब अपनी रणनीति बदली है। समय रहते सभी नेताओं से बातचीत कर ली जाए तो ऐन चुनाव के वक्त पार्टी छोड़ने का सिलसिला थम सकता है।
ये बिना चुनाव जीते बन गए थे नेता
पार्टी छोडकर जाने वालों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने तंज कसा है। लक्ष्मण सिंह सोशल मीडिया में चिंता जाहिर करते हुए लिखा कि ऐसा लग रहा है, जैसे ट्रैफिक जाम खुल गया हो। अब धीरे-धीरे सब की गाड़ियां निकलेंगी। ये बिना एक भी चुनाव जीते नेता बने बैठे थे। जो कई चुनाव जीते हैं उन्हें पीछे धकेल दिया जाता था। अब ऐसा नहीं होगा।