भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों को पार्टी बाहर का रास्ता नहीं दिखाएगी। भाजपा की सदस्यता लेने वाले विधायकों के लिए कांग्रेस ने रणनीति तय की है। इसके तहत दलबदलू विधायकों को पार्टी से बाहर नहीं निकाला जाएगा। पार्टी में भारी मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक इस्तीफा नहीं देने वाले कांग्रेस के उन विधायकों के खिलाफ उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है, उन्हें लेकर कांग्रेस सख्त रुख अपनाएगी। दलबदल कानून के तहत सदस्यता रद्द करवाने की विपक्ष की रणनीति है। जुलाई में बजट सत्र के दौरान दलबदल विधायकों के खिलाफ कांग्रेस शिकायत करेगी। विधायकों के भाजपा में शामिल होने के सबूत के साथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत करेगी। विधायक रामनिवास रावत, निर्मला सप्रे और कमलेश शाह ने कांग्रेस छोड़ी है। विधायक रामनिवास रावत, निर्मला सप्रे ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं कमलेश शाह ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस दलबल को लेकर विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करेगी।
सूत्रों के मुताबिक इस्तीफा नहीं देने वाले कांग्रेस के उन विधायकों के खिलाफ उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है, उन्हें लेकर कांग्रेस सख्त रुख अपनाएगी। दलबदल कानून के तहत सदस्यता रद्द करवाने की विपक्ष की रणनीति है। जुलाई में बजट सत्र के दौरान दलबदल विधायकों के खिलाफ कांग्रेस शिकायत करेगी। विधायकों के भाजपा में शामिल होने के सबूत के साथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत करेगी। विधायक रामनिवास रावत, निर्मला सप्रे और कमलेश शाह ने कांग्रेस छोड़ी है। विधायक रामनिवास रावत, निर्मला सप्रे ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं कमलेश शाह ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस दलबल को लेकर विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करेगी।