भ्रष्टाचार को लेकर कमलनाथ ने किया सरकार पर हमला
भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस आगामी चुनाव के लिए भ्रष्टाचार और कमीशनराज को बड़ा मुददा बना रही है और अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा पर भ्रष्टाचार को सदाचार बनाने का आरोप लगाया है। वहीं शिवराज सरकार के राज को कमीशनराज करार दिया है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश की मिस्टर कमीशन राज सरकार वैसे तो अपने भ्रष्टाचार के लिए जगत विख्यात है, लेकिन अब उसने भ्रष्टाचार को ही सदाचार घोषित करने का कानूनी तरीका निकाल लिया है। उन्होंने आगे कहा कि शिवराज सरकार में ठेका कमीशन में कोई दिक्कत न आए इसके लिए भ्रष्टाचार की रफ्तार तीन गुनी करने का आदेश निकाला गया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की प्रमुख अधोसंरचना योजनाओं में पहले जहां 10 लाख से अधिक की निविदा पर प्रथम आमंत्रण के लिए 30 दिन और द्वितीय आमंत्रण के लिए 15 दिन का समय लगता था, अब यह अवधि घटाकर क्रमशः 10 दिन और सात दिन कर दी गई है।“
कमलनाथ ने कहा कि इसका सीधा मतलब है कि शिवराज सरकार न सिर्फ भ्रष्टाचार करना चाहती है बल्कि भ्रष्टाचार की रफ्तार को कई गुना बढ़ा देना चाहती है ताकि सत्ता के आखिरी एक-डेढ़ महीने में राजकोष को जी भर के लूट सकें। यह आदेश बताता है कि कमीशन राज सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण ही नहीं दे रही बल्कि मिस्टर कमीशनराज खुद ही सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं।
भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस आगामी चुनाव के लिए भ्रष्टाचार और कमीशनराज को बड़ा मुददा बना रही है और अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा पर भ्रष्टाचार को सदाचार बनाने का आरोप लगाया है। वहीं शिवराज सरकार के राज को कमीशनराज करार दिया है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश की मिस्टर कमीशन राज सरकार वैसे तो अपने भ्रष्टाचार के लिए जगत विख्यात है, लेकिन अब उसने भ्रष्टाचार को ही सदाचार घोषित करने का कानूनी तरीका निकाल लिया है। उन्होंने आगे कहा कि शिवराज सरकार में ठेका कमीशन में कोई दिक्कत न आए इसके लिए भ्रष्टाचार की रफ्तार तीन गुनी करने का आदेश निकाला गया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की प्रमुख अधोसंरचना योजनाओं में पहले जहां 10 लाख से अधिक की निविदा पर प्रथम आमंत्रण के लिए 30 दिन और द्वितीय आमंत्रण के लिए 15 दिन का समय लगता था, अब यह अवधि घटाकर क्रमशः 10 दिन और सात दिन कर दी गई है।“
कमलनाथ ने कहा कि इसका सीधा मतलब है कि शिवराज सरकार न सिर्फ भ्रष्टाचार करना चाहती है बल्कि भ्रष्टाचार की रफ्तार को कई गुना बढ़ा देना चाहती है ताकि सत्ता के आखिरी एक-डेढ़ महीने में राजकोष को जी भर के लूट सकें। यह आदेश बताता है कि कमीशन राज सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण ही नहीं दे रही बल्कि मिस्टर कमीशनराज खुद ही सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं।