एक साल में एक लाख पदों पर होगी भर्ती

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मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के नियुक्ति पत्र वितरित किए
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक वर्ष में 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती होगी, जिसमें से लगभग 60 हजार पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है। प्रदेश की जनता मेरा परिवार है और मैं सरकार को परिवार की तरह ही चलाने का प्रयास करता हूँ। गरीब और मजदूर हमारे लिए भगवान हैं। शासकीय सेवा में आपका चयन उनकी सेवा के लिए हुआ है। गरीब और मजदूर को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, उन्हें काम का स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आबकारी, श्रम और सहकारिता विभाग के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नवनियुक्त शासकीय सेवकों को नियुक्ति-पत्र वितरित किए और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली 15 अगस्त पर मैंने एक साल में एक लाख पदों पर भर्ती की बात कही थी। यह भर्ती अभियान निरंतर जारी है। अब तक 60 हजार लोगों को नियुक्ति दी जा चुकी है। आज की नियुक्तियां भी इसमें शामिल हैं। हमारी प्रतिबद्धता रही है कि पारदर्शिता, ईमानदारी और मेरिट के आधार पर शासकीय सेवा में भर्तियां हों। आप सबका चयन मेरिट के आधार पर हुआ है, अतः आप सब बधाई के पात्र हैं। शासकीय सेवा में कार्यभार ग्रहण करने के बाद विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन आपके माध्यम से ही होगा। आप इस दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन करें, यही आशीर्वाद और शुभकामनाएँ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी अपेक्षा है कि आप इस भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन करें कि हम केवल अपने लिए नहीं, अपितु प्रदेश की जनता और प्रदेश के लिए हैं। शासकीय सेवा का अर्थ है, जनता की सेवा और प्रदेश एवं देश का विकास। इसके लिए कर्तव्य और दायित्व का भाव सदैव मन में रहना चाहिए। आप पर ही प्रदेश की प्रगति और विकास निर्भर है। आप पर ही जन-कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन भी निर्भर है।
प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश, विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर है। प्रति व्यक्ति आय जो वर्ष 2002-03 में 11 हजार रूपए हुआ करती थी, अब बढ़कर एक लाख 40 हजार रूपए हो गई है। जीएसडीपी 15 लाख करोड़ और प्रदेश का बजट 3 लाख 15 हजार करोड़ का है। सड़क, पानी, बिजली सहित संपूर्ण अधोसंरचना के क्षेत्र में बहुत सुधार हुआ है। साथ ही सामाजिक सरोकार रखने वाले विभागों में भी संवेदनशीलता के साथ गतिविधियाँ संचालित हैं।

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