इंस्टाग्राम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं के सवालों के दिए जवाब
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंस्टाग्राम पर युवाओं से सीधी बात की। इस दौरान एक युवा के एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक दिन के लिए क्यों? राजनीति में आओ, खूब मेहनत करो और बन जाओ परमानेंट मुख्यमंत्री।
मुख्यमंत्री के साथ आज कई युवा इंस्टाग्राम पर जुड़े और तरह-तरह के सवाल भी किए, जिनका जवाब भी मुख्यमंत्री ने दिया। एक यूजर रौनक ने मुख्यमंत्री से पूछा कि नायक फ़िल्म की तर्ज पर मामाजी मुझे एक दिन का मुख्यमंत्री बना दो। एक दिन का मुख्यमंत्री बनने के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटा, वो फिल्म थी, उस फिल्म से हमें सीखना ये चाहिए कि हम एक दिन में भी कैसे चीजें बेहतर कर सकते हैं। हालांकि हम जानते हैं फिल्म और वास्तविकता में जमीन आसमान का फर्क होता है, लेकिन मुख्यमंत्री बनना है तो एक दिन के लिए क्यों बनना ? बनना है तो मेहनत करो, परमानेंट मुख्यमंत्री बनो। कोई दिक्कत की बात नहीं है जो लक्ष्य तय करके परिश्रम करता है वो लक्ष्य को प्राप्त करता है। बनना है तो 1 दिन के लिए क्यों बनना फिर राजनीतिक क्षेत्र में आओ मेहनत परिश्रम कर आगे बढ़ो मुझे लगता है कि एक दिन सफलता मिलेगी।
युवाओं के साथ चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने गाने भी गुनगुनाए और उनकी दिनचर्या के बारे में भी बताया। साथ ही युवाओं के हर सवाल का जवाब भी दिया। युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं स्वामी विवेकानन्द और श्रीमद् भगवद् गीता से बहुत प्रेरणा लेता हूँ। स्वामी विवेकानन्द ने कहा कि जीवन में ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते हैं। आप स्वयं को आत्म-विश्वास से भर कर निश्चित लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें, सफलता अवश्य मिलेगी।
अब तो बुजुर्ग भी कहते हैं मामा
मामा बनने के सफर के बारे में भी उन्होंने युवाओं को बताया। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना इस उद्देश्य से आरंभ की गई थी कि बच्ची लखपति ही पैदा हो। साथ ही बेटियों को स्कूल शिक्षा की सुविधाएँ देने की व्यवस्था की गई। इन सबका परिणाम यह रहा कि बेटियाँ कहने लगी कि ये तो हमारे मामा हैं। बेटियों के साथ बेटों और बुजुर्गों ने भी मुझे मामा कहना शुरू कर दिया, जिसके मन में बेटियों के प्रति दो-दो माँ का प्यार हो वह “मामा“ है।
बचपन के खेल आती-पाति को अब भी करता हूं याद
व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें परिचय फिल्म सर्वाधिक प्रिय है। संजीव कुमार और जया भादुड़ी उनके पसंदीदा कलाकार हैं। यात्रा के दौरान गाने सुनना उन्हें अच्छा लगता है। कुर्ते-पजामे के अलावा शर्ट-पेंट और टी-शर्ट भी पहनते हैं। बचपन के खेल आति-पाति को अभी तक याद करते हैं। पसंदीदा गीतों में मन्ना डे का गीत “कोरी चुनरिया आत्मा मोरी“, किशोर कुमार का गीत “रूक जाना नहीं, तू कभी हार के“ और मुकेश का गीत “ए भाई जरा देख कर चलो“ विशेष रूप से पसंद हैं।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंस्टाग्राम पर युवाओं से सीधी बात की। इस दौरान एक युवा के एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक दिन के लिए क्यों? राजनीति में आओ, खूब मेहनत करो और बन जाओ परमानेंट मुख्यमंत्री।
मुख्यमंत्री के साथ आज कई युवा इंस्टाग्राम पर जुड़े और तरह-तरह के सवाल भी किए, जिनका जवाब भी मुख्यमंत्री ने दिया। एक यूजर रौनक ने मुख्यमंत्री से पूछा कि नायक फ़िल्म की तर्ज पर मामाजी मुझे एक दिन का मुख्यमंत्री बना दो। एक दिन का मुख्यमंत्री बनने के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटा, वो फिल्म थी, उस फिल्म से हमें सीखना ये चाहिए कि हम एक दिन में भी कैसे चीजें बेहतर कर सकते हैं। हालांकि हम जानते हैं फिल्म और वास्तविकता में जमीन आसमान का फर्क होता है, लेकिन मुख्यमंत्री बनना है तो एक दिन के लिए क्यों बनना ? बनना है तो मेहनत करो, परमानेंट मुख्यमंत्री बनो। कोई दिक्कत की बात नहीं है जो लक्ष्य तय करके परिश्रम करता है वो लक्ष्य को प्राप्त करता है। बनना है तो 1 दिन के लिए क्यों बनना फिर राजनीतिक क्षेत्र में आओ मेहनत परिश्रम कर आगे बढ़ो मुझे लगता है कि एक दिन सफलता मिलेगी।
युवाओं के साथ चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने गाने भी गुनगुनाए और उनकी दिनचर्या के बारे में भी बताया। साथ ही युवाओं के हर सवाल का जवाब भी दिया। युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं स्वामी विवेकानन्द और श्रीमद् भगवद् गीता से बहुत प्रेरणा लेता हूँ। स्वामी विवेकानन्द ने कहा कि जीवन में ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते हैं। आप स्वयं को आत्म-विश्वास से भर कर निश्चित लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें, सफलता अवश्य मिलेगी।
अब तो बुजुर्ग भी कहते हैं मामा
मामा बनने के सफर के बारे में भी उन्होंने युवाओं को बताया। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना इस उद्देश्य से आरंभ की गई थी कि बच्ची लखपति ही पैदा हो। साथ ही बेटियों को स्कूल शिक्षा की सुविधाएँ देने की व्यवस्था की गई। इन सबका परिणाम यह रहा कि बेटियाँ कहने लगी कि ये तो हमारे मामा हैं। बेटियों के साथ बेटों और बुजुर्गों ने भी मुझे मामा कहना शुरू कर दिया, जिसके मन में बेटियों के प्रति दो-दो माँ का प्यार हो वह “मामा“ है।
बचपन के खेल आती-पाति को अब भी करता हूं याद
व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें परिचय फिल्म सर्वाधिक प्रिय है। संजीव कुमार और जया भादुड़ी उनके पसंदीदा कलाकार हैं। यात्रा के दौरान गाने सुनना उन्हें अच्छा लगता है। कुर्ते-पजामे के अलावा शर्ट-पेंट और टी-शर्ट भी पहनते हैं। बचपन के खेल आति-पाति को अभी तक याद करते हैं। पसंदीदा गीतों में मन्ना डे का गीत “कोरी चुनरिया आत्मा मोरी“, किशोर कुमार का गीत “रूक जाना नहीं, तू कभी हार के“ और मुकेश का गीत “ए भाई जरा देख कर चलो“ विशेष रूप से पसंद हैं।