वित्त की बिना अनुमति 38 विभागों की योजनाओं पर खर्च करने पर लगाई रोक

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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी ही पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने की तैयारी में हैं। गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही मध्यप्रदेश सरकार ने 38 विभागों की अलग-अलग योजनाओं पर वित्त विभाग की अनुमति लिए बिना किसी तरह का खर्च करने या पेमेंट करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने जिन योजनाओं कटौती करने की तैयारी में है, ये सभी योजनाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने 18 साल के कार्यकाल में शुरू की थी।
वित्त विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता वाली मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, महाकाल परिसर विस्तार योजना, खेलों को प्रोत्साहित करने संबंधी सभी योजनाएं, आधा दर्जन से अधिक पुरस्कार योजनाएं, मंत्रियों अफसरों के बंगलों की मरम्मत, पीएम सड़क योजना, आदिवासियों से संबंधित योजनाएं, हवाई पट्टी विस्तार, किसानों के लिए संचालित मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना समेत कई योजनाओं को हरी झंडी देने से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेना जरूरी कर दिया है। इसके अलावा औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के काम जैसे- भू अर्जन, सर्वे, डिमार्केशन, सर्विस चार्ज भी बिना अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए पहले औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग को वित्त विभाग के पास परमिशन लेने से जुड़ी फाइल भेजेनी पड़ेगी।
सम्मान, पुरस्कार के लिए भी लेनी होगी अनुमति
अब पुरस्कार और सम्मान देने के लिए भी वित्त विभाग की अनुमति को अनिवार्य कर दिया गया है। गृह विभाग के गैलेंट्री अवार्ड यानी पुलिस पदक देने, अपने बच्चों को प्रतिरक्षा में भर्ती कराने वाले माता पिता को सम्मान निधि और पुरस्कार देने, जैसे सभी कामों के लिए अनुमति लेनी होगी। इससे परिवहन विभाग की ग्रामीण परिवहन नीति का काम भी रुकने की संभावना है। कोविड 19 के इलाज और मदद के लिए भी परमिशन लेना होगा।

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