भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनावों मिली हार के बाद कांग्रेस नेता लगातार ईवीएम मशीन को हार का दोष दे रहे है। कांग्रेस ईवीएम हैग किए जाने के आरोप लगाया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फिर ईवीएम मशीन को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए है।
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि क्या ईवीएम हैक हो सकता है? पोस्ट में उन्होने हैकर्स का एक वीडियो लिंग भी पोस्ट किया है। लिंक के साथ उन्होंने लिखा है कि इसे जरूर सुने और समझें। दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि यदि 1 परसेंट की भी संभावना है तो क्या हमे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को टेक्नोलॉजी के द्वारा हैकर्स को इसे प्रभावित करने का अवसर देना चाहिए? जरा सोचिए।
आपको बता दें दिग्विजय सिंह पहले भी कई बार ईवीएम को लेकर सवाल उठा चुके है। कांग्रेस को जब जब हार मिली है तब-तब वह ईवीएम मशीन हैग किए जाने की बात करते आए है। विधानसभा चुनाव 2023 में मिली हार के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि कोई भी मशीन जिसमें चिप लगी हो, उसे हैक किया जा सकता है। मैं साल 2003 से ईवीएम से चुनाव कराए जाने के खिलाफ रहा हूं। उससे पहले उन्होंने कहा था कि पोस्टल बैलेट मतों में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा वोट मिले है, लेकिन ईवीएम और पोस्टल बैलेट के वोटिंग पैटर्न में इतना अंतर कैसे आ सकता है।
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि क्या ईवीएम हैक हो सकता है? पोस्ट में उन्होने हैकर्स का एक वीडियो लिंग भी पोस्ट किया है। लिंक के साथ उन्होंने लिखा है कि इसे जरूर सुने और समझें। दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि यदि 1 परसेंट की भी संभावना है तो क्या हमे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को टेक्नोलॉजी के द्वारा हैकर्स को इसे प्रभावित करने का अवसर देना चाहिए? जरा सोचिए।
आपको बता दें दिग्विजय सिंह पहले भी कई बार ईवीएम को लेकर सवाल उठा चुके है। कांग्रेस को जब जब हार मिली है तब-तब वह ईवीएम मशीन हैग किए जाने की बात करते आए है। विधानसभा चुनाव 2023 में मिली हार के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि कोई भी मशीन जिसमें चिप लगी हो, उसे हैक किया जा सकता है। मैं साल 2003 से ईवीएम से चुनाव कराए जाने के खिलाफ रहा हूं। उससे पहले उन्होंने कहा था कि पोस्टल बैलेट मतों में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा वोट मिले है, लेकिन ईवीएम और पोस्टल बैलेट के वोटिंग पैटर्न में इतना अंतर कैसे आ सकता है।