भाजपा और कांग्रेस को फिर बागियों की सताने लगी चिंता

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आकलन में जुटे नेता, साधने की कर रहे तैयारी
भोपाल। मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस के सामने एक बार फिर अपने दलों के बागी नेताओं की चुनौती खड़ी हो रही है। बगावत कर खड़े हुए नेताओं के विधानसभा क्षेत्र का आकलन करने में ये दल जुट गए हैं। दोनों ही दलों में कुछ नेता दूसरे दलों के सहारे मैदान में उतरे थे तो कुछ ने निर्दलीय रूप से मैदान में उतरकर इनकी मुसीबत को बढ़ा दिया है। इन बागियों के कारण त्रिकोणीय संघर्श तो हुआ साथ ही समीकरण बिगड़ने के आसार भी नजर आ रहे हैं।
टिकट वितरण के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट ना मिलने के कारण नाराज नेताओं ने बसपा, आप और सपा का सहारा लेकर मैदान में उतरने का फैसला किया था। साथ ही कुछ ने निर्दलीय रूप से मैदान में उतरकर दोनों ही दलों की मुसीबत को बढ़ा दिया था। मतदान के बाद एक बार फिर जब भाजपा और कांग्रेस के नेता मतदान का आकलन करने जुटे तो उनके सामने ये नेता परेशानी खड़ी करते नजर आ रहे हैं। किसी एक दल नहीं बल्कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही के सामने यही स्थिति बनी हुई है। इसके चलते अब दोनों दलों ने नाराज होकर मैदान में उतरे इन नेताओं को साधने के लिए समीकरण बैठाने ष्शुरू कर दिए हैं। दोनों ही दल चाहते हैं कि अगर कुछ समीकरण बिगड़ते हैं तो इन नेताओं के सहारा देकर सरकार बनाने की कवायद की जाए।
गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी महू से अंतर सिंह दरबार, गोटेगांव से शेखर चौधरी, सिवनी मालवा से ओम रघुवंशी, आलोट से प्रेमचंद गुड्डू, उत्तर भोपाल से आमिर अकील, नागोद से यादवेंद्र सिंह निर्दलीय मैदान में उतर गए थे। इनके अलावा भी कुछ नेता हैं, जो मैदान में उतरे हैं। इन नेताओं के क्षेत्र में मतदान के बाद कांग्रेस आकलन कर रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के अटेर से मुन्ना सिंह भदोरिया, नर्मदापुर से भगवती चौरे, सीधी से केदारनाथ शुक्ला, चाचौड़ा से ममता मीना, बंडा से सुधीर यादव, बुरहानपुर से हर्ष सिंह चौहान, भिंड से राकेश सिंह चुनाव में उतरे थे। वहीं मैहर में नारायण त्रिपाठी ने अपनी पार्टी बनाकर मैदान में ताल ठोक दी थी। उनके उतरने से मुकाबला चतुश्कोणीय हो गया था।

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