अभिमनोज. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और यह साफ हो गया है कि जनता लोकसभा चुनाव में दो बार इमोशनल मुद्दों पर वोट डाल चुकी है, लेकिन अब असली मुद्दों पर फोकस है, जहां मोदी सरकार की उपलब्धियां शून्य के करीब हैं?
यही वजह है कि मोदी टीम परेशान है!
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो….
एक- पीएम मोदी का सियासी जादू खत्म हो चुका है और राहुल गांधी में जनता का भरोसा लगातार बढ़ रहा है.
दो- जैसी बीजेपी में मोदी-शाह की सियासी जोड़ी है, उसी के टक्कर की सियासी जोड़ी राहुल-खड़गे की बन गई है.
तीन- वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन… अब बीजेपी के लिए ऐसी जीत संभव नहीं है, ऐसा ही हाल महाराष्ट्र, बिहार आदि राज्यों में भी है, लिहाजा आज के हालात में तो बीजेपी के लिए 200 का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल जान पड़ता है.
चार– मोदी टीम का…. कांग्रेस मुक्त भारत का नारा तो मजाक बन गया है, अलबत्ता दक्षिण भारत जरूर बीजेपी मुक्त हो गया है.
पांच- देश के चार राज्यों…. हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अब कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बन जाएगी.
देखना दिलचस्प होगा कि जनता को जो सियासी भरोसा टूटा है, उसे बीजेपी फिर से कैसे हासिल करती है?
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