ग्वालियर अंचल के दतिया जिले में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं मंत्री दर्जा प्राप्त इमरती देवी के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। इमरती जिस डबरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ती हैं, वह नरोत्तम का पुराना गृह क्षेत्र है। यहां हर चुनाव में इमरती को नरोत्तम की जरूरत महसूस होगी, बावजूद इसके वे नरोत्तम की परवाह नहीं करतीं? इमरती केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं और उप चुनाव में अपने ही रिश्तेदार कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले पराजित हो गई थीं। इमरती मानती हैं कि उन्हें हराने में नरोत्तम ने भूमिका निभाई। यह जानने के लिए वे पंडोखर सरकार के पास तक गईं। जवाब मिला, आपकी ही पार्टी के नेता ने आपको हरवाया। संकेत नरोत्तम की ओर ही माना गया। निकाय एवं पंचायत चुनावों में भी इमरती एवं नरोत्तम के समर्थक आमने-सामने थे। बाजी इमरती ने मारी। ताजा विवाद एक हत्या के मामले में पैदा हुआ। इमरती ने समर्थकों के साथ थाने का घेराव कर दिया। उनका आरोप था कि टीआई को सरकार के एक ताकतवर नेता का संरक्षण हासिल है। यहां भी इमरती का इशारा नरोत्तम की ओर था। बाद में सिंधिया के आश्वासन के बाद इमरती ने धरना समाप्त किया। मामले का पटाक्षेप भले हो गया, विवाद का नहीं। नुकसान रोकने सिंधिया को ही विवाद सुलझाने की पहल करना होगी।