आरजेडी विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के नीतीश कुमार को शिखंडी कहे जाने पर HAM के राष्ट्रीय संरक्षक जीतनराम मांझी ने भी नाराजगी जाहिर की है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा- सीएम नीतीश कुमार पर अभद्र टिप्पणी करके सुधाकर सिंह ने साबित कर दिया है कि भले ही वह आरजेडी में हो लेकिन उनकी आत्मा आज भी अपने पुराने दल बीजेपी में है. ऐसे में आरजेडी की जवाबदेही बनती है कि अविलंब सुधाकर सिंह पर कारवाई करें. मांझी ने कहा सुधाकर सिंह पर कार्रवाई ही गठबंधन धर्म का पालन होगा.
सुधाकर सिंह के बयान को लेकर जीतनराम मांझी ने ट्वीट किया- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अभद्र टिप्पणी करके सुधाकर सिंह ने साबित कर दिया है कि भले ही वह RJD में हों पर उनकी आत्मा आज भी अपने पुराने दल BJP के साथ ही है. ऐसे में आरजेडी की यह जवाबदेही बनती है कि अविलंब सुधाकर सिंह पर कारवाई करें यही गठबंधन धर्म का पालन होगा.
सुधाकर सिंह के बयान पर आरजेडी की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इसे घोर निंदनीय बताया है. शिवानंद तिवारी ने कहा-ऐसा बयान महागठबंधन की एकता के लिए घातक है. गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी है. गठबंधन को चलाने की सबसे अहम जवाबदेही राष्ट्रीय जनता दल के कंधों पर है. ऐसा लगता है कि सुधाकर सिंह ने जान-बूझकर गठबंधन को तोड़ने के मकसद से इस तरह का बयान दिया है.
इधर जेडीयू की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा ने इस बयान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है-तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताईए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है.
वे उस शख्सियत को “शिखंडी” कह रहें हैं जिन्होंने बिहार को उस “खौफनाक मंजर” से मुक्ति दिलाने की “मर्दानगी” दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे. कुशवाहा ने सीधे शब्दों में भले ही जंगलराज का जिक्र नहीं किया लेकिन उनका इशारा लालू- राबड़ी राज की तरफ ही था.