भोपाल। कुख्यात डकैत रहे मलखान सिंह ने आज भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इसके साथ ही पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा और भिंड से जिला पंचायत सदस्य (भाजपा नेत्री) सुहानी कुशवाहा ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है। संतोष शर्मा सागर और छतरपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रहे हैं।
मलखान सिंह के कांग्रेस में ष्शामिल होने की लंबे समय से चर्चा चल रही थी। वे ग्वालियर में प्रियंका गांधी की 21 जुलाई को जन आक्रोश रैली के दौरान कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले थे, मगर उस वक्त चर्चा न होने के कारण मामला अटक गया था। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद मलखान सिंह ने बताया कि किस तरह मौजूदा भाजपा शासन में लोग भ्रष्टाचार गुंडागर्दी और महंगाई से त्रस्त है, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी। अब उन्हें कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्या दिलाई है। बता दें कि मलखान सिंह की पत्नी निर्विरोध सरपंच भी चुनी गई है, उनके मुकाबले में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतरा था।
डकैत नहीं बागी था मैं
कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद कुख्यात डकैत मलखान सिंह ने कहा कि मेरे नाम के आगे पूर्व डकैत लिखा जाता है, मुझे इस पर आपत्ति है। मैं डकैत नहीं, बल्कि बागी था। परिस्थितियों के चलते उन्होंने बंदूक को हाथ में लिया था। मुझ पर कई तरह के अत्याचार हुए, जिसे लेकर मैंने अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मलखान सिंह ने कहा कि डकैती तो भाजपा के नेता कर रहे हैं। भाजपा को यह देखना चाहिए कि उनके नेता क्या कर रहे हैं और कितना लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया पहले भी उन्हें डाकू लिखती रही, अब कांग्रेस में आया हूं तो भी डाकू कहा जा रहा है, लिखा जा रहा है। क्या मुझे हमेशा ही डाकू कहा जाता रहेगा? क्या भाजपा के नेताओं को डाकू नहीं कहा जाएगा, जो प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं?
नेता प्रतिपक्ष की अपनी पीड़ा
नेता प्रतिपक्ष डा गोविंद सिंह की पीड़ा भी मलखान सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के बाद सामने आई है। उन्होंने कहा कि मलखान सिंह को मैं कांग्रेस में लेकर नहीं आया, बल्कि वे खुद मेरे पास कांग्रेस में शामिल होने आए थे। उन्होंने तो मेरे खिलाफ पिछले चुनाव में जमकर चुनाव प्रचार भी किया था।