मुख्यमंत्री ने कहा लगेगी निषाद राज की मूर्तियां, बनेंगे भवन
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चला कर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। जहाँ केवट समाज की बहुलता है वहाँ निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियां लगाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित केवट जयंती पर आयोजित केवट समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि शासकीय तालाब और जल-संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चला कर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति बना कर शासकीय सेवा के लिए जाति प्रमाण-पत्र की विसंगति दूर करेंगे। शासकीय सेवा में जो कर्मचारी हैं, उन्हें सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। जहाँ केवट समाज की बहुलता है वहाँ निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियाँ लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवट समाज के युवाओं को परम्परागत व्यवसाय के अलावा दूसरे व्यवसायों में भी आगे आने की कोशिश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में काम-धंधे के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में की जा रही है, जिससे हमारे बच्चे अंग्रेजी के कारण पीछे न रह जाएँ। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मेडिकल की सीटों में 5 प्रतिशत सीट्स रिजर्व कर दी गई हैं।
रेस्ट हाउस बनाने की मांग
मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मछुआरों और केवट समाज को अधिकार दिलाने की मांग की। इसके अलावा राजधानी भोपाल में ठहरने के लिए गेस्ट हाउस की मांग भी उन्होंने की।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चला कर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। जहाँ केवट समाज की बहुलता है वहाँ निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियां लगाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित केवट जयंती पर आयोजित केवट समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि शासकीय तालाब और जल-संरचनाओं पर पहला हक मछुआरों का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभियान चला कर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति बना कर शासकीय सेवा के लिए जाति प्रमाण-पत्र की विसंगति दूर करेंगे। शासकीय सेवा में जो कर्मचारी हैं, उन्हें सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। जहाँ केवट समाज की बहुलता है वहाँ निषादराज स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियाँ लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवट समाज के युवाओं को परम्परागत व्यवसाय के अलावा दूसरे व्यवसायों में भी आगे आने की कोशिश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में काम-धंधे के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में की जा रही है, जिससे हमारे बच्चे अंग्रेजी के कारण पीछे न रह जाएँ। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मेडिकल की सीटों में 5 प्रतिशत सीट्स रिजर्व कर दी गई हैं।
रेस्ट हाउस बनाने की मांग
मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मछुआरों और केवट समाज को अधिकार दिलाने की मांग की। इसके अलावा राजधानी भोपाल में ठहरने के लिए गेस्ट हाउस की मांग भी उन्होंने की।