भोपाल। प्रदेश में दल बदल के चलते बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। इसमें वे नेता भी हैं, जिन्हें कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारना चाह रही थी। चुनाव मैदान में कांग्रेस उतारती इसके पहले ये नेता भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा ने नई ज्वाइनिंग टोली के जरिए कांग्रेस नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने का जो अभियान चलाया, इससे कांग्रेस में हलचल मच गई। बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा में ष्शामिल हो गए। इनमें केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, संजय ष्शुक्ला, अरूणोदय चौबे, पूर्व विधायक ष्शशांक भार्गव भी हैं, जो भाजपा में ष्शामिल हुए हैं। इन नेताओं को कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारना चाह रही थी। इन नेताओं को उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया के चलते कांग्रेस के दिल्ली में बैठे नेताओं ने संकेत भी दिए थे। इनमें सुरेश पचौरी को नर्मदापुरम और भोपाल में से किसी एक स्थान पर मैदान में उतारने की बात सामने आ रही थी। वहीं संजय ष्शुक्ला को इंदौर से कांग्रेस चुनाव लड़ाना चाहती थी। इसी तरह से अरूणोदय चौबे का नाम सागर और शशांक भार्गव का विदिशा संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप मैदान में उतरना तय माना जा रहा था। मगर कांग्रेस इनके नाम की घोषणा करती इसके पहले एक-एक कर ये नेता भाजपा के पाले में चले गए। पचौरी के साथ संजय शुक्ला पहले ही भाजपा की सदस्यता ले चुके थी। वहीं अरूणोदय चौबे ने भी इस मामले में देरी नहीं की। अब ष्शशांक भार्गव भी भाजपा के हो गए हैं। इन नेताओं के भाजपा में जाने से कांग्रेस के समीकरण बिगड़ गए। हालांकि कांग्रेस ने बाद में उनके स्थान पर प्रत्याशी चयन तो किया, मगर वह मजबूत प्रत्याशी नहीं तलाश पाई।
भाजपा ने नई ज्वाइनिंग टोली के जरिए कांग्रेस नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने का जो अभियान चलाया, इससे कांग्रेस में हलचल मच गई। बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा में ष्शामिल हो गए। इनमें केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, संजय ष्शुक्ला, अरूणोदय चौबे, पूर्व विधायक ष्शशांक भार्गव भी हैं, जो भाजपा में ष्शामिल हुए हैं। इन नेताओं को कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारना चाह रही थी। इन नेताओं को उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया के चलते कांग्रेस के दिल्ली में बैठे नेताओं ने संकेत भी दिए थे। इनमें सुरेश पचौरी को नर्मदापुरम और भोपाल में से किसी एक स्थान पर मैदान में उतारने की बात सामने आ रही थी। वहीं संजय ष्शुक्ला को इंदौर से कांग्रेस चुनाव लड़ाना चाहती थी। इसी तरह से अरूणोदय चौबे का नाम सागर और शशांक भार्गव का विदिशा संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप मैदान में उतरना तय माना जा रहा था। मगर कांग्रेस इनके नाम की घोषणा करती इसके पहले एक-एक कर ये नेता भाजपा के पाले में चले गए। पचौरी के साथ संजय शुक्ला पहले ही भाजपा की सदस्यता ले चुके थी। वहीं अरूणोदय चौबे ने भी इस मामले में देरी नहीं की। अब ष्शशांक भार्गव भी भाजपा के हो गए हैं। इन नेताओं के भाजपा में जाने से कांग्रेस के समीकरण बिगड़ गए। हालांकि कांग्रेस ने बाद में उनके स्थान पर प्रत्याशी चयन तो किया, मगर वह मजबूत प्रत्याशी नहीं तलाश पाई।