मुम्बई. शरद पवार को लेक र I.N.D.I.A में कन्फ्यूजन बढ़ात ही जा रहा है. जिसकी वजह है भतीजे अजीत पवार से मुलाकात है. पिछले दिन शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी आइडियोलॉजी अलग हो सकती है लेकिन मकसद एक है. लोकतंत्र को बचाना. उद्धव ठाकरे ने जब ये बात कही उस वक्त एनसीपी चीफ शरद पवार उनके बाजू में बैठे थे. दोनों लीडर मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A की मीटिंग से एक दिन पहले पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. पवार ने बताया कि बैठक में 28 पार्टियों के 63 नेता शामिल होंगे.
मुम्बई में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे व शरद पवार का गुट होम ग्राउंड है, इस चुनाव में विपक्षी नेताओं की मेजबना यही पार्टिया है. I.N.D.I.A के आज व 1 सितंबर को मुंबई में तीसरी मीटिंग करेंगे. पहली मीटिंग 23 जून को पटना में और दूसरी 17.18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी. मीटिंग से पहले सवाल यही रहा कि शरद पवार किस खेमे में हैं. उनके भतीजे अजित पवार पार्टी तोड़कर अब भाजपा के साथ हैं. वे लगातार शरद पवार से मिल रहे हैं. शरद पवार भी कह चुके हैं कि अजित पवार एनसीपी के नेता बने रहेंगे. इससे पार्टी वर्कर्स तो कन्फ्यूज हैं हीं, इंडिया में शामिल पार्टियां भी कन्फ्यूज्ड हैं. कांग्रेस और शिवसेना भी ये बात कह चुकी हैं. इसकी वजह शरद पवार ही हैं. 2 जुलाई को अजित पवार 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. 17 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं की दूसरी बैठक थी. इससे पहले 14, 16 और 17 जुलाई को शरद पवार व अजित पवार की मुलाकातें हुईं. बातें होने लगीं कि शरद पवार को शामिल होने का ऑफर मिल रहा है और अजित पवार उन्हें मना रहे हैं. हालांकि 18 जुलाई को शरद पवार सुप्रिया सुले के साथ बेंगलुरु गए. जहां पर विपक्ष की बैठक में शामिल हुए. यहीं विपक्षी गठबंधन को इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया नाम मिला था.