आकस्मिक निधन होने पर दी जाने वाली राशि में भेदभाव क्यों ?

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कर्मचारियों ने सरकार से पूछा सवाल
भोपाल। चुनावी साल में राजनीतिक दलों, आम लोगों के अलावा कर्मचारी भी सरकार को घेरने से चूक नहीं रहे हैं। अब प्रदेश के कर्मचारियों ने आकस्मिक निधन के दौरान सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए यह पूछा है कि कर्मचारियों के साथ इस तरह का भेदभाव क्यों किया जा रहा है।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने यह मुद्दा उठाया है। उन्होंने  सरकार से पूछा है कि जेल में कैदी की मौत हो जाने पर उसके परिजनों को 5 लाख रुपए सरकार देती है,  रेल, बस या किसी अन्य सड़क दुर्घटना में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो सरकार 8 से 10 लाख रुपए मृतक के परिजनों को देती है यहां तक कि सांप काटने से मृत्यु होने पर भी सरकार 4 लाख रुपए मृतक के परिजनों को देती है, लेकिन शासकीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों करती है? उन्होंने बताया कि 1 अरब 46 करोड़ 21 लाख 74 हजार 800 रुपए हर साल बीमा राशि कटवाने वाले अधिकरियों, कर्मचारियों के आकस्मिक निधन होने पर प्रथम श्रेणी अधिकारी की मृत्यु पर 7.50 लाख रुपए, द्वितीय श्रेणी अधिकारी की मृत्यु पर 5 लाख रुपए, तृतीय श्रेणी कर्मचारी की मृत्यु पर 2.50 लाख रुपए और  चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मृत्यु पर 1.25 लाख रुपए मिलते हैं जो कि न्याय संगत नहीं है।

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