कांग्रेस के आरोपों को भाजपा और सरकार ने नकारा
भोपाल। प्रदेश में पटवारी चयन परीक्षा के परिणाम को लेकर सियासत तेज हो चली है। कांग्रेस इसे लेकर हमलावर है। कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। वहीं भाजपा और सरकार ने भी कांग्रेस को घेरने के लिए बयानबाजी तेज कर दी है। सरकार ने कांग्रेस के सभी आरोपों का खंडन करते हुए इसे भ्रामक और तथ्यहीन बताया है।
पिछले दो दिनों से प्रदेश में पटवारी चयन परीक्षा के परिणामों को लेकर सियासत तेज है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति पर बयानबाजी कर रही थी। आज कांग्रेस ने इंदौर और राजधानी भोपाल में इसे लेकर प्रदर्शन भी कर डाला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिंदी में हस्ताक्षर करने वालों के 25 में से 25 नंबर आए हैं। इस आरोप को झूठ बताते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने मार्कशीट देखे बिना ही आरोप लगाया है। किसी के भी 25 में से 25 नंबर अंग्रेजी में नहीं आए हैं। कांग्रेस ने परीक्षा कराने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम देने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस की इस आरोप के जवाब में राज्य सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि परीक्षा में कोई गड़बड़ नहीं हुई कांग्रेस मध्यप्रदेश को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। देश की सबसे प्रतिष्ठित कंपनी ने परीक्षा कराई है जिसने आईआईटी और नीट का एग्जाम कराया है। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के जो भी आरोप है वह झूठे है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ग्वालियर के एक ही सेंटर से सात लोग मेरिट में आये जबकि सत्य यह है कि इन सातों ने एक शिफ्ट में परीक्षा ही नही दी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी,दिग्विजय सिंह व अरुण यादव जी जिस सेंटर में धांधली का आरोप लगा रहे है वहा और हर सेंटर में परीक्षार्थी के हर क्लिक का रिकार्ड है। सीसीटीवी कैमरे भी परीक्षार्थी की हर गतिविधियों पर नज़र रखते है। आप लिखित रिकार्ड में मांगे जबानी जमा खर्च से काम नही चलेगा।
भोपाल में तो 42 प्रतिशत छात्र हुए हैं पास
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने एक और झूठ बोला है। उसका कहना है कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी को परीक्षा का काम दिया गया लेकिन सच यह है कि परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी देश की प्रतिष्ठित कंपनी है जो आईआईटी व नीट जैसे एक्जाम करवाती है। कांग्रेस ने एक झूठ और बोला है उसका कहना है कि ग्वालियर के सेंटर से हज़ारों परीक्षार्थी पास हुए जबकि सच यह है कि उस सेंटर से मात्र 114 लोग ही पास हो सके है। जबकि वहाँ परीक्षा 10 हज़ार से ज्यादा लोगो ने दी थी। इससे ज्यादा लोग तो अन्य जिलों के सेंटरों से हुए है। ग्वालियर में केवल 5 प्रतिशत तो भोपाल में 42 प्रतिशत से अधिक परीक्षार्थी पास हुए है।