कांग्रेस की राह में आप के बाद राकांपा अटकाएगी रोड़े

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प्रदेश में बढ़ाई सक्र्रियता, तलाश रही जीताउ प्रत्याशी
भोपाल। मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कांग्रेस की राह में मुसीबत खड़ी कर सकती है। राकांपा की प्रदेश पदाधिकारियों के साथ कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने राजधानी भोपाल में बैठक लेकर इस बात के संकेत दिए हैं कि इस बार पार्टी मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी। राकांपा का फोकस महाराष्ट से लगे महाकौशल, निमाड़ और बुदेंलखंड अंचल के जिलों पर है। सूत्रों की माने तो भाजपा नेता भी राकांपा पदाधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।
मध्यप्रदेश में चुनाव की तैयारियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी भूमिका को तलाशने की क़वायद शुरू कर दी है। राकांपा ने भाजपा की मुख्य भूमिका वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन से जब से जुड़ने का फ़ैसला किया है तब से उनका राष्ट्रीय नेतृत्व बहुत ही सधे कदमों से आगे बढ़ रहा है। पार्टी ने मध्यप्रदेश में भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला लिया है। रविवार को राजधानी भोपाल में पदाधिकारियों की बैठक में राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल भी शामिल हुए थे। उन्होंने साफ कर दिया कि वे प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। बताया जाता है मध्यप्रदेश में ज़मीन मजबूत करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सचिव ब्रजमोहन श्रीवास्तव की भूमिका अहम है, क्योंकि वे अजीत पवार और प्रफुल पटेल के राष्ट्रीय स्तर पर  विश्वसनीय सहयोगी के रूप में सामने आये हैं।  श्रीवास्तव का कार्य क्षेत्र मध्यप्रदेश होने के कारण प्रफुल पटेल उनका उपयोग भाजपा की मदद के लिए करेंगे। सूत्रों से पता चला है कि राकांपा पदाधिकारियों से मध्यप्रदेश के प्रभारी केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव भी सम्पर्क बनाए हुए हैं।
प्रफुल पटेल ने बढ़ाई सक्रियता
मध्यप्रदेश की राजनीति से पटेल का पुराना संबंध है। वे लगातार गोंदिया और भंडारा से लगे प्रदेश के ज़िलों में अपनी राजनैतिक गतिविधियों से सभी को जोड़ कर रखते रहे है। इसके अलावा सागर व रीवा संभाग में तेंदू पत्ते व बीड़ी निर्माण तथा उसके व्यापार से जुड़े परिवारों में प्रफुल पटेल की सीधी पैठ है। ऐसे में मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले उनका सक्रिय होना कांग्रेस के लिए चिंता का कारण बनेगा, क्योंकि इन संभागों में भाजपा की स्थिति कमजोर मानी जा रही है। साथ ही राकांपा एनडीए का घटक दल है, इसके चलते उसे इस बात की संभावना भी है कि भाजपा इन संभागों में उसे मदद कर सकती है। हालांकि अभी इस बात का फैसला हुआ नहीं है।
एक विधायक जीत चुका है राकांपा का
मध्यप्रदेश में राकांपा का बुरहानपुर से हमीद काजी के रूप में 2003 के चुनाव में एक विधायक जीत चुका है। इसके बाद अब राकांपा ने प्रदेश में सक्रियता बढ़ाई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के टिकट न मिलने से नाराज विधायक राकांपा का दामन थामकर मैदान में उतर सकते हैं।

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